अस्ताना. कजाकिस्तान के अस्ताना में कॉन्फ्रेंस ऑन इंट्रैक्शन एंड कॉन्फ्रेंस बिल्डिंग मेजर्स इन एशिया समिट में गुरुवार को जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दा उठाया तो वहां मौजूद भारत की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने करारा जवाब देते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने भारत के खिलाफ अपने झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए सीआईसीए मंच का दुरुपयोग किया है.
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पड़ोसी देश को वैश्विक समुदाय को व्याख्यान देने के बजाय अपना घर व्यवस्थित करना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर मेरे देश के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार किया और आज की चर्चाओं की थीम और फोकस से ध्यान भटकाने की कोशिश की है.
अस्ताना में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने एशिया में बातचीत और विश्वास बहाली के उपायों पर छठे शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. लेखी ने कहा कि पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ भारत सामान्य संबंध चाहता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सलाह दी जाती है कि वह एक अनुकूल माहौल बनाकर जो कहता है उसे करे, जिसमें विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करना शामिल है, ताकि किसी भी तरह से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का उपयोग न किया जा सके.
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा. भारत के आंतरिक मामलों के बारे में टिप्पणी करने के लिए पाकिस्तान के पास कोई अधिकार नहीं है. पाकिस्तान की आज की टिप्पणी भारत के आंतरिक मामलों, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता मामलों में घोर हस्तक्षेप है. यह रेखांकित करते हुए कि लेखी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बना हुआ है, उसे भारत के खिलाफ सीमा पार से जारी आतंकवाद रोकना चाहिए. पाकिस्तान मानव विकास में कोई निवेश नहीं कर रहा है, लेकिन अपने संसाधन आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को बनाना और बनाए रखने के लिए उपलब्ध कराता है.
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में गंभीर और लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए अच्छा होगा. वह पीओजेकेएल की स्थिति में कोई और महत्वपूर्ण परिवर्तन करने से बचे और उन भारतीय क्षेत्रों को खाली करे, जो उसके अवैध और जबरन कब्जे में हैं. शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित कई विश्व नेताओं ने भाग लिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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