प्रदीप द्विवेदी. धनतेरस के दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा उत्तम मानी जाती है. प्रदोष काल सूर्यास्त के पश्चात शुरू होता है और करीब 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है.
धर्मधारणा है कि स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में स्थाई निवास करती हैं, क्योंकि वृषभ लग्न स्थिर माना जाता है, इसलिए यह सबसे उपयुक्त माना जाता है.
धनतेरस पूजा मुहूर्त.... शनिवार, 22 अक्टूबर 2022
जबलपुर- 18:59 से 20:09
जयपुर- 19:10 से 20:24
उदयपुर- 19:22 से 20:33
बांसवाड़ा- 19:21 से 20:31
डूंगरपुर- 19:23 से 20:34
राजसमंद- 19:20 से 20:33
नई दिल्ली- 19:01 से 20:17
मुंबई- 19:34 से 20:40
अहमदाबाद- 19:29 से 20:39
पुणे- 19:31 से 20:36
चैन्नई- 19:13 से 20:13
गुड़गांव- 19:02 से 20:18
चंडीगढ़- 18:59 से 20:18
बैंगलुरू- 19:24 से 20:24
नोएडा- 19:00 से 20:16
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
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