दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त का महत्व एवं पूजन विधि -मंत्र

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त का महत्व एवं पूजन विधि -मंत्र

प्रेषित समय :20:41:47 PM / Sun, Oct 23rd, 2022

लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त -शाम 06 बजकर 54 मिनट से 08 बजकर 16 मिनट तक 

लक्ष्मी पूजन की अवधि-1 घंटा 21 मिनट

प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक

वृषभ काल - शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक 

दिवाली लक्ष्मी पूजा महानिशीथ काल मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त - रात 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक

अवधि - 50 मिनट तक

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2022

सायंकाल मुहूर्त्त (अमृत,चल):17:29 से 19:18 मिनट तक

रात्रि मुहूर्त्त (लाभ)               :22:29 से 24:05 मिनट तक

रात्रि मुहूर्त्त (शुभ,अमृत,चल):25:41 से 30:27 मिनट तक

1. ॐ श्रीं श्रीयै नम:

2. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥ 

3. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

4. कुबेर प्रार्थना मंत्र-धनदाय नमस्तुभ्यं निधिपद्माधिपाय च. भगवान् त्वत्प्रसादेन धनधान्यादिसम्पद:।।  

महालक्ष्मी मंत्र

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

श्री लक्ष्मी बीज मंत्र 

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

अर्घ्य मंत्र 

क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते.

सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नम:।।

निवेदन मंत्र 

सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता.

सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस।।

प्रार्थना मंत्र 

सर्वमये देवि सर्वदेवैरलड्कृते.

मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरु नन्दिनी।।

दिवाली लक्ष्मी पूजन सामग्री

1- शंख

2- कमल का फूल

3-  गोमती चक्र

4- धनिया के दाने

5- कच्चा सिंघाड़ा

6-  मोती

7- कमलगट्टे का माला

माता लक्ष्मी की आरती:-

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता. 

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता. 

मैया सुख संपत्ति दाता. 

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता. 

मैया तुम ही शुभदाता. 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता. 

मैया सब सद्गुण आता.

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता. 

मैया वस्त्र न कोई पाता.

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता. 

मैया क्षीरोदधि-जाता.

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता. 

मैया जो कोई नर गाता.

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता. 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता. 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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