-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* दीपावली के अवसर पर शुभ मुहूर्त में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
* देवी लक्ष्मी के शुभ आशीर्वाद के लिए सूर्यास्त के तुरंत बाद प्रदोष काल के दौरान स्थिर वृषभ लग्न में पूजा को श्रेष्ठ माना जाता है.
* कई श्रद्धालु चौघड़िया देख कर भी देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं.
* दीपावली पूजा के दौरान चोपड़ा पूजन भी करते हैं.
* चोपड़ा पूजा में देवी लक्ष्मी के समक्ष नई खाता पुस्तकों का शुभारम्भ किया जाता है और अगले वित्तीय वर्ष में शुभ-लाभ के लिए प्रार्थना की जाती है.
* श्रद्धालु चौघड़िया देख कर चोपड़ा पूजन करते हैं.
भारत के विभिन्न शहरों में दीपावली पर शुभ मुहूर्त में देवी लक्ष्मी की पूजा...
नई दिल्ली- 18:53 से 20:16
मुंबई- 19:26 से 20:39
उज्जैन- 19:08 से 20:25
भोपाल- 19ः01 से 20ः18
इंदौर- 19ः09 से 20ः25
जबलपुर- 18:51 से 20:08
जयपुर- 19:02 से 20:23
उदयपुर- 19:14 से 20:32
जोधपुर- 19:33 से 20:49
कोटा- 19:04 से 20:24
अजमेर- 19:07 से 20:28
बीकानेर- 19:10 से 20:32
भरतपुर- 18:54 से 20:16
अलवर- 18:57 से 20:21
चित्तौड़गढ़- 19:10 से 20:29
बांसवाड़ा- 19:13 से 20:30
डूंगरपुर- 19:15 से 20:33
राजसमंद- 19:12 से 20:31
अहमदाबाद- 19:21 से 20:38
पुणे- 19:23 से 20:35
चैन्नई- 19:06 से 20:13
गुड़गांव- 18:54 से 20:17
चंडीगढ़- 18:51 से 20:16
बैंगलुरू- 19:16 से 20:23
नोएडा- 18:52 से 20:15
सोमवार का चौघडिय़ा ....
दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- अमृत पहला- चर
दूसरा- काल दूसरा- रोग
तीसरा- शुभ तीसरा- काल
चौथा- रोग चौथा- लाभ
पांचवां- उद्वेग पांचवां- उद्वेग
छठा- चर छठा- शुभ
सातवां- लाभ सातवां- अमृत
आठवां- अमृत आठवां- चर
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
देश के प्रमुख शहरों में वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजन का शुद्ध समय
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