क्या पीएम मोदी- मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के संयुक्त आदिवासी क्षेत्र के लिए अलग राज्य गोविंद प्रदेश का ऐलान कर पाएंगे?

क्या पीएम मोदी- मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के संयुक्त आदिवासी क्षेत्र के लिए अलग राज्य गोविंद प्रदेश का ऐलान कर पाएंगे?

प्रेषित समय :10:01:21 AM / Tue, Nov 1st, 2022

प्रदीप द्विवेदी. राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के संयुक्त आदिवासी क्षेत्र के प्रमुख आस्था स्थल और स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक तीर्थ- मानगढ़ धाम पर पीएम नरेंद्र मोदी 1 नवंबर 2022 को आ रहे हैं!

बड़ा सवाल यह है कि इस क्षेत्र के संपूर्ण और संतुलित विकास के लिए जो सबसे आवश्यक है- मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के संयुक्त आदिवासी क्षेत्र के लिए अलग राज्य- गोविंद प्रदेश, क्या पीएम मोदी इसका ऐलान कर पाएंगे?

दरअसल, इस संयुक्त क्षेत्र की जरूरतें सबसे अलग हैं, क्योंकि यहां का सामाजिक, आर्थिक, प्राकृतिक, भौगोलिक आधार अपने-अपने राज्य से एकदम अलग है!

क्योंकि, मानगढ़ धाम में पीएम मोदी के अलावा तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे, इसलिए ऐसी पहल आसानी से की जा सकती है?

याद रहे, इस क्षेत्र में आदिवासियों के आस्था के महाभारतकालीन- घोटिया आंबा, भीमकुंड, बेणेश्वर जैसे तीर्थ हैं, तो गोविंद गुरु ने इसी क्षेत्र से भगत आंदोलन की शुरूआत की थी, इन्हीं के सम्मान में नया- गोविंद प्रदेश, बनाया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अलग से प्रताप प्रदेश की पहल की जरूरत के बारे में बहुत पहले लिखा गया था और तब लिखा गया था कि यदि यह संभव नहीं हो तो कम-से-कम उदयपुर को दूसरी राजधानी ही बनाया जाए, क्योंकि?

इस वक्त संपूर्ण राजस्थान की जो तस्वीर है उसमें दो अलग-अलग दृश्य एक-दूजे के एकदम विपरीत हैं, लिहाजा केन्द्र, राज्य सरकारें न तो रेगीस्तानी और न ही दक्षिण राजस्थान जैसे गैर-रेगीस्तानी इलाकों के साथ न्याय कर पा रहीं हैं!

आइए, देखते हैं कि क्यों अलग राज्य की जरूरत है?

* जहां रेगीस्तान में पेयजल की कमी की समस्या है वहीं इसगैर-रेगीस्तान क्षेत्र में जल प्रबंधन की परेशानी है.

* रेगीस्तान के विकास के लिए पशुपालन ज्यादा जरूरी है तो गैर-रेगीस्तानी क्षेत्रों में खेती पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है.

* रेगीस्तान में पौधरोपण आवश्यक है तो दक्षिण राजस्थान में वन संरक्षण ज्यादा जरूरी है.

* रेगीस्तान में तेल के भंडार हैं तो हरेभरे क्षेत्र में जल और सोने के भंडार हैं.

* भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, न्यायिक आदि सभी संदर्भों में रेगीस्तानी क्षेत्र हरेभरे क्षेत्र से एकदम भिन्न है.

* सबसे बड़े सवाल ये हैं कि... किसी प्रदेश की राजधानी, राज्य के किसी जिले से अधिकतम कितनी दूरी पर होनी चाहिए? किसी प्रदेश का उच्च न्यायालय, राज्य के किसी जिले से अधिकतम कितनी दूरी पर होना चाहिए? इन सवालों के नीतिगत और न्यायिक जवाब दिए जाने चाहिएं!

* दो सौ किमी किसी भी प्रदेश की राजधानी को केन्द्र मानकर आदर्श त्रिज्या हो सकती है, क्योंकि इससे आगे राजधानी का नियंत्रण भी कमजोर पड़ जाता है और राजधानी तक आम आदमी की पहुंच भी मुश्किल होती जाती है!

* उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, रेलवे सुविधा, हवाई सुविधा, उच्च रोजगार को तो एक ओर रखिए... इस क्षेत्र में प्रारंभिक शिक्षा, साधारण सड़क सुविधा, सामान्य रोजगार तक के मामले में हालत खराब है! जिस क्षेत्र में प्रारंभिक शिक्षा की ही साधारण व्यवस्था नहीं हो, जिनके पास दो वक्त की रोटी का जुगाड़ नहीं हो, वे कैसे कलेक्टर/एसपी बनेंगे?

* आजादी के बाद जब विभिन्न राज्यों का कई चरणों में गठन हुआ तब स्थितियां भिन्न थी, लेकिन आज परिस्थिति भिन्न है, ऐसे में अलग राज्य की पहल की ही जानी चाहिए!

आज का दिनः मंगलवार, 1 नवंबर 2022, इसलिए गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है!
https://palpalindia.com/2022/10/31/aajkadin-gopashtami-monthly-durgashtami-Lord-Krishna-Kamdhenu-Today-Horoscope-Panchang-Choghadiya-news-in-hindi.html

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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