आज का दिनः मंगलवार, 15 नवंबर 2022, मंगलदोष निवारण के लिए....

आज का दिनः मंगलवार, 15 नवंबर 2022, मंगलदोष निवारण के लिए....

प्रेषित समय :19:38:24 PM / Mon, Nov 14th, 2022

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी  
* महावीर हनुमान मन से की गई हर प्रार्थना से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन वर्ष के बारह महीने सुरक्षा और हर मनोकामना पूर्ण करने के लिए बजरंग बली के बारह नामों का विशेष महत्व है. ये नाम हैं...
* 1. हनुमान, 2. अंजनी सुत, 3. वायुपुत्र, 4. महाबल, 5. रामेष्ट, 6. फाल्गुनसखा, 7. पिंगाक्ष, 8. अमित विक्रम, 9. उदधिक्रमण, 10. सीताशोकविनाशन, 11. लक्षमणप्राणदाता, 12. दशग्रीवदर्पहा.
* महावीर हनुमान भक्त कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से पूर्व इन बारह नामों का स्मरण करें, कार्य सफल होंगे.
* सुरक्षा के लिए भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर इसे धारण कर सकते हैं.
* ये बारह नाम... प्रात:काल दीर्घायु प्रदान करते हैं, दोपहर में धन प्रदान करते हैं तो रात्रि में शत्रु नाश करते हैं.
* सर्व मनोकामना पूरी करने के लिए इन बारह नामों का नित्य तीनों समय जाप करना चाहिए.
* श्रीहनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखी, जिसमें 40 छन्द हैं, मंगलदोष निवारण के लिए नियमितरूप से श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें....

।। श्रीहनुमान चालीसा ।।

॥ दोहा ॥

श्री गुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुर सुधारि.

बरनउं रघुबर विमल जसु,जो दायकु फल चारि॥

भावार्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाले हैं.

बुद्धिहीन तनु जानिकै,सुमिरौं पवन-कुमार.

बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार॥

भावार्थ- हे पवन कुमार! मैं आपका सुमिरन करता हूँ. आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है. मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए.

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर.जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

भावार्थ- श्री हनुमान जी! आपकी जय हो. आपका ज्ञान और गुण अथाह है. हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति हैं.

राम दूत अतुलित बल धामा.अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

भावार्थ- हे पवनसुत अञ्जनी नन्दन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है.

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया.राम लखन सीता मन बसिया॥

भावार्थ- आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते हैं. श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते हैं.

सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा.विकट रुप धरि लंक जरावा॥

भावार्थ- आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया.

भीम रुप धरि असुर संहारे.रामचन्द्र के काज संवारे॥

भावार्थ- आपने विकराल रुप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया.

लाय सजीवन लखन जियाये.श्रीरघुवीर हरषि उर लाये॥

भावार्थ- आपने सञ्जीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी के प्राण बचाए जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया.

तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना.लंकेश्वर भये सब जग जाना॥

भावार्थ- आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बनें, इसको सब संसार जानता हैं.

जुग सहस्त्र योजन पर भानू .लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥

भावार्थ- जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे. दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझ कर निगल लिया.

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं.जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥

सब पर राम तपस्वी राजा.तिन के काज सकल तुम साजा॥

भावार्थ- तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यो को आपने सहज में कर दिया.

जय जय जय हनुमान गोसाई.कृपा करहु गुरुदेव की नाई॥

भावार्थ- हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझ पर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए.

जो शत बार पाठ कर सोई.छूटहिं बंदि महा सुख होई॥

भावार्थ- जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परम आनन्द मिलेगा.

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा.होय सिद्धि साखी गौरीसा॥

भावार्थ- जो भी व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी. भगवान शंकर ने यह लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी.

तुलसीदास सदा हरि चेरा.कीजै नाथ ह्रदय महँ डेरा॥

भावार्थ- हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है. इसलिए आप उसके हृदय मे निवास कीजिए.

॥ दोहा ॥

पवनतनय संकट हरन,मंगल मूरति रुप.

राम लखन सीता सहित,ह्रदय बसहु सुर भूप॥

भावार्थ- हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरुप है. हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए.

- आज का राशिफल -  
मेष राशि:- परिवार के छोटे सदस्यों की अध्ययन संबंधी चिंता रह सकती है. दुष्टजनों से सावधान रहें. कोई कारोबारी बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है. शेयर मार्केट से मनोनुकूल लाभ होगा. जल्दबाजी न करें.

वृष राशि:- शत्रुता बढ़ सकती है. वाणी में नियंत्रण आवश्यक है. कुंआरों के लिए वैवाहिक प्रस्ताव आ सकता है. शारीरिक समस्या हो सकती है. कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी. नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा.

मिथुन राशि:- वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें. शारीरिक हानि व कष्ट संभव है. पुरानी व्याधि पर व्यय होगा. किसी अपने ही व्यक्ति से अकारण विवाद हो सकता है. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी.

कर्क राशि:- धर्म-कर्म में रुचि रहेगी. किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है. आएंगे. व्यापार-व नौकरी में कार्यभार बढ़ सकता है ऐसे लोगो का सो किराना सबन्ध क्षेत्र से व्यापार कर ते है. लेन-देन में सावधानी रखें. थकान रहेगी.

सिंह राशि:- नई योजना बनेगी. कार्यप्रणाली में सुधार होगा. सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी. मान-सम्मान मिलेगा. नए कारोबारी अनुबंध हो सकते हैं. पुराना रोग उभर सकता है. दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें. निवेश में विवेक से कार्य करें.

कन्या राशि:- बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे.  कारोबारी कामकाज मनोनुकूल लाभ देंगे. नौकरी में सुख-शांति बनी रहेगी. शारीरिक कष्ट संभव है. अनहोनी की आशंका रहेगी. आराम के साधन व समय पर्याप्त प्राप्त होंगे. सेहत का विशेष ध्यान रखें.

तुला राशि:- अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे. हाथ तंग रहेगा. किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है. चिंता तथा तनाव रहेंगे. भावनाओं को वश में रखें. दिल की बात किसी को नहीं बतलाएं. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. बड़ों की सलाह लें. लाभ होगा. चोट व रोग से बचें.

वृश्चिक राशि:- बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे. अप्रत्याशित लाभ हो सकता है. परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी. कारोबार में वृद्धि के योग हैं. लेन-देन में जल्दबाजी न करें.

धनु राशि:- किसी भी कानूनी फेर में न पड़ें. वाणी पर संयम रखें. मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है. दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे. घर में अतिथियों का आगमन होगा. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी.

मकर राशि:- दांपत्य जीवन सुखमय व्यतीत होगा. प्रसन्नता में वृद्धि होगी. किसी भी विवाद में न पड़ें. प्रयास सफल रहेंगे. मित्रों का सहयोग कर पाएंगे. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. कोई बड़ा कार्य तथा लंबे प्रवास का मन बनेगा. व्यापार-व्यवसाय अनुकूल चलेगा. धनार्जन नही होगा.

कुम्भ राशि:- पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है. किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद संभव है. क्लेश रहेगा. मन में दुविधा रहेगी. दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है. आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है. चिंता तथा तनाव रहेंगे. जल्दबाजी में निर्णय न लें.

मीन राशि:- शारीरिक कष्ट संभव है. चोट व रोग से बचें. आराम के साधनों पर खर्च होगा. लेखन व पठन-पाठन में समय व्यतीत हो सकता है. सफलता प्राप्त करेंगे. स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा. किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति का सहयोग मिलेगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 9131366453 

* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- मंगलवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा                  रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- रोग                             पहला- काल
दूसरा- उद्वेग                           दूसरा- लाभ
तीसरा- चर                            तीसरा- उद्वेग
चौथा- लाभ                             चौथा- शुभ
पांचवां- अमृत                       पांचवां- अमृत
छठा- काल                             छठा- चर
सातवां- शुभ                          सातवां- रोग
आठवां- रोग                           आठवां- काल
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
पंचांग
मंगलवार, 15 नवंबर 2022
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते30
मास मार्गशीर्ष
दिन काल10:44:23
तिथि सप्तमी - 29:52:52 तक
नक्षत्र पुष्य - 16:13:23 तक
करण विष्टि - 16:41:18 तक, बव - 29:52:52 तक
पक्ष कृष्ण
योग शुक्ल - 24:30:05 तक
सूर्योदय 06:43:17
सूर्यास्त 17:27:41
चन्द्र राशि कर्क
चन्द्रोदय 23:04:59
चन्द्रास्त 12:28:00
ऋतु हेमंत
अभिजित मुहूर्त 11:33 ए एम से 12:17 पी एम
अग्निवास पाताल - 05:49 ए एम, नवम्बर 16 तक , पृथ्वी
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास उत्तर
राहु वास पश्चिम
जय श्रीराम! मंगल दोष से मुक्ति के लिए क्या करें?
https://www.youtube.com/watch?v=YOsVUtUrlyY&t=23s

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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