भारत के स्टेनलेस स्टील उद्योग में मांग तेजी से बढ़ने के अनुमान

भारत के स्टेनलेस स्टील उद्योग में मांग तेजी से बढ़ने के अनुमान

प्रेषित समय :19:52:04 PM / Mon, Nov 14th, 2022

नई दिल्ली. भारत में स्टेनलेस स्टील की मांग में अगले दो दशक में तेज वृद्धि के अनुमान लगाए जा रहे हैं. इसका सीधा लाभ भारत में स्टेनलेस स्टील निर्माता कंपनियों को मिलेगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू स्टेनलेस स्टील की मांग 2047 तक 2 करोड़ टन पहुंचने की उम्मीद है. इसका सीधा अर्थ है कि जहां इस मांग से जिंदल स्टेनलेस स्टील (जेएसएल) जैसे अग्रणी निर्माता फायदे में रहेंगे, वहीं नई निर्माण क्षमताओं का विकास भी होगा.

\दुनिया के स्टेनलैस स्टील बाजार का आकार 2021 में 195.65 अरब डॉलर आंका गया था. यह बाजार 2022 में 204.17 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 में 298.85 अरब डॉलर होने का अनुमान है. इस अवधि में 5.6 प्रश की वार्षिक मिश्रित दर (सीएजीआर) से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.

स्टेनलेस स्टील के विजन डॉक्यूमेंट 2047 के अनुसार 2021-22 में देश की स्टेनलेस स्टील की मांग 3.7-3.9 लाख टन थी. मांग में इस तेजी के कारण समझ आते हैं. निर्माण, बुनियादी ढांचे, मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में स्टेनलैस स्टील की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, क्योंकि यही क्षेत्र जीडीपी में प्रमुख योगदान देने वाले क्षेत्र हैं. खपत 12.5-12.7 लाख टन से बढ़कर 19-20  होने लाख टन होने वाली है.

भारत में स्टेनलेस स्टील की स्थापित क्षमता 6.6-6.8 लाख टन की  है. उद्योग इस क्षमता के दोहन के मामले में 2021 में 50 प्रश पर काम कर रहा था, जो 2022 में 58-60 प्रतिशत पर आ गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित मांग की आपूर्ति करने के लिए भारत को बड़ी मात्रा मे उत्पादन  क्षमताएं बढ़ानी होंगी.

स्टेनलेस स्टील उद्योग के विस्तार का अनुमान ऐसे भी लगाया जा सकता है कि प्रति व्यक्ति खपत लगातार बढ़ रही है. जो इस बात का संकेत देता है कि क्षमताएं बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी. देश की स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 2022 में 2.5 किग्रा हो गई है, जो 2010 में 1.2 किग्रा थी.

वर्ष 2040 तक स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 8-9 किग्रा हो जाएगी. वर्ष 2047 तक यह खपत 11-12 किग्रा हो जाने का अनुमान है. अब स्टील की खपत में तेजी आने का अनुमान है, क्योंकि सरकार विभिन्न सेक्टरों में अपना खर्च बढ़ा रही है.

स्टील की सालाना खपत 2030-31 में 30 करोड़ टन के पार होने का अनुमान है. वहीं 2030-31 में क्रूड स्टील का उत्पादन 25.5 करोड़ टन हो जाएगा. सबसे अहम वृद्धि ग्रामीण इलाकों में होगी. सरकार ने स्टील की ग्रामीण खपत का लक्ष्य बढ़ाकर 2030-31 में 38 किग्रा प्रति व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय बजट 2022-23 में सरकार ने 47 करोड़ रुपए का आवंटन स्टील मंत्रालय के लिए किया था.

जिंदल स्टेनलेस स्टील की गलन क्षमता (मेल्ट कैपेसिटी) 11 लाख टन सालाना है. देश के पूर्वी इलाके में जिंदल स्टेनलेस स्टील की इकाई है. कारखाने की क्षमता 2.5 लाख टन प्रति वर्ष है. इस कांप्लेक्स की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 32 लाख टन स्टेनलेस स्टील प्रतिवर्ष तक ले जाई जा सकती है. जेएसएल के वित्त और रणनीति का नेतृत्व संभालने वाले अनुराग मंत्री चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं. उनका रिकॉर्ड रहा है कि उनके कार्यकाल में कंपनियों के मूल्यांकन में 3-5 गुना वृद्धि हुई है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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