रूस का पोलैंड हमला: 2 नागरिकों की मौत, अमेरिका अलर्ट, बाइडन ने बुलाई G7 देशों की इमरजेंसी बैठक

रूस का पोलैंड हमला: 2 नागरिकों की मौत, अमेरिका अलर्ट, बाइडन ने बुलाई G7 देशों की इमरजेंसी बैठक

प्रेषित समय :08:24:24 AM / Wed, Nov 16th, 2022

नसा दुआ ( इंडोनेशिया). रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूसी मिसाइल पोलैंड की सीमा में गिर गया जहां उसके 2 नागरिकों की मौत हो गई. रूसी मिसाइल के पोलैंड की सीमा में गिरने से उसकी चपेट में आने से मारे गए लोगों के प्रति अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शोक जताया और पोलिश राष्ट्रपति से मुलाकात कर हादसे की जांच के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की. साथ ही कहा कि जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगा हम उचित दिश में अगले कदम निर्धारित करने के लिए लगातार संपर्क में बने रहेंगे. इस बीच बाइडेन इंडोनेशिया के बाली में जी-7 देशों और नाटो सदस्य देशों के साथ ‘आपातकालीन’ बैठक कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि मिसाइल विस्फोट की खबर मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन को उनके स्टाफ ने रात में जगाकर ये खबर बताई. इसके बाद बाइडन ने पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलकर जानमाल के नुकसान के लिए अपनी गहरी संवेदना जताई.

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने उनको अमेरिका के पूरे समर्थन का वादा किया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले की जांच के लिए पोलैंड को अमेरिकी समर्थन और सहायता का वादा करने के साथ ही नाटो संगठन के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की. पोलैंड में मिसाइल गिरने की घटना के बाद जी7 के नेता एक आपात बैठक पर सहमत हो गए हैं. जो बाइडन ने कहा कि ‘मैंने पूर्वी पोलैंड में जनहानि के लिए अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से बात की और पोलैंड द्वारा विस्फोट की जांच के लिए अपना पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की. जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगी हम अगले कदम को तय करने के लिए निकट संपर्क में रहेंगे.’ बहरहाल पोलिश राष्ट्रपति डूडा ने कहा है कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि देश के पूर्वी हिस्से में गिरा रॉकेट किसने दागा था. अब इस घटना की जांच में अमेरिका के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.

उधर पोलिश विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि गिरी हुई मिसाइल रूस में बनाई गई है. जबकि पोलैंड के राष्ट्रपति डूडा इसके बारे में अपने बयान में अधिक सतर्क थे. उनका कहना था कि अधिकारियों को निश्चित रूप से यह नहीं पता था कि इसे किसने दागा है या इसे कहां बनाया गया. उन्होंने कहा कि शायद सबसे ज्यादा आशंका है कि ये एक रूस में बनी मिसाइल थी. लेकिन अभी भी इसकी पुष्टि की जा रही है. अगर इसकी पुष्टि होती है, तो यूक्रेन के हमले के बाद यह पहली बार होगा जब किसी नाटो देश पर रूसी हथियार गिरा है. गौरतलब है कि नाटो गठबंधन की नींव यह सिद्धांत है कि एक सदस्य के खिलाफ हमला उन सभी पर हमला है.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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