आज का दिनः शुक्रवार,18 नवंबर 2022, अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम् से करें देवी लक्ष्मी का आव्हान!

आज का दिनः शुक्रवार,18 नवंबर 2022, अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम् से करें देवी लक्ष्मी का आव्हान!

प्रेषित समय :18:51:26 PM / Thu, Nov 17th, 2022

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* व्यक्ति के जीवन में धन का विशेष महत्व है. धन से व्यक्ति सबकुछ भले ही प्राप्त नहीं कर पाए लेकिन बहुत कुछ प्राप्त कर सकता है. इसीलिए देवी लक्ष्मी को आमंत्रित किया जाता है. 
* देवी लक्ष्मी की पूजा-आराधना के अनेक स्तोत्र हैं, इनमें से कुछ इस प्रकार हैं... * अष्टलक्ष्मीस्तोत्रम्, * अष्टलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावली, * कनक धारास्तोत्रम्, * कमलात्रिशती, * धनलक्ष्मीस्तोत्रम्, * महालक्ष्मीकवचम्, * महालक्ष्मी ललितास्तोत्रम्, * महालक्ष्मीसहस्रनामस्तोत्रम्, * महालक्ष्मीस्तुति, * महालक्ष्मीस्तोत्रम् (श्रीविष्णुपुराण), * महालक्ष्मीष्टकम्, * लक्ष्मीकवचम्, * लक्ष्मी चालीसा, * लक्ष्मी नामावलीस्तोत्रम्, * लक्ष्मीनारायणकवचम्, * लक्ष्मीलहरी, * लक्ष्मीसहस्रनामावली, * लक्ष्मीसूक्तम्, * लक्ष्मीस्तवम्, * लक्ष्मीस्तोत्रम् (अगस्त्य ऋषि रचित), * लक्ष्मीस्तोत्रम् (इन्द्रदेव रचित), * लक्ष्मीहृदयस्तोत्रम्, * लक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावली, * श्रीसूक्तम्, * सिद्धिलक्ष्मीस्तुति: आदि.
* देवी श्रीलक्ष्मी के सभी पूजा-स्तोत्र धनलाभ के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर करने में सहायक हैं, पवित्र मन से आराधना करें, धन से संबंधित तनाव दूर होंगे!
॥ अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम् ॥
॥ आदिलक्ष्मि ॥
सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि,चन्द्र सहोदरि हेममये
मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायनि,मञ्जुळभाषिणि वेदनुते.
पङ्कजवासिनि देवसुपूजित,सद्गुण वर्षिणि शान्तियुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,आदिलक्ष्मि सदा पालय माम्॥
॥ धान्यलक्ष्मि ॥
अहिकलि कल्मषनाशिनि कामिनि,वैदिकरूपिणि वेदमये
क्षीरसमुद्भव मङ्गलरूपिणि,मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते
मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि,देवगणाश्रित पादयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,धान्यलक्ष्मि सदा पालय माम् ॥
॥ धैर्यलक्ष्मि ॥
जयवरवर्णिनि वैष्णवि भार्गवि,मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमये
सुरगणपूजित शीघ्रफलप्रद,ज्ञानविकासिनि शास्त्रनुते.
भवभयहारिणि पापविमोचनि,साधुजनाश्रित पादयुते
जय जय हे मधुसूधन कामिनि,धैर्यलक्ष्मी सदा पालय माम् ॥
॥ गजलक्ष्मि ॥
जय जय दुर्गतिनाशिनि कामिनि,सर्वफलप्रद शास्त्रमये
रधगज तुरगपदाति समावृत,परिजनमण्डित लोकनुते.
हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित,तापनिवारिणि पादयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,गजलक्ष्मी रूपेण पालय माम् ॥
॥ सन्तानलक्ष्मि ॥
अहिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि,रागविवर्धिनि ज्ञानमये
गुणगणवारिधि लोकहितैषिणि,स्वरसप्त भूषित गाननुते.
सकल सुरासुर देवमुनीश्वर,मानववन्दित पादयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,सन्तानलक्ष्मी त्वं पालय माम् ॥
॥ विजयलक्ष्मि ॥
जय कमलासनि सद्गतिदायिनि,ज्ञानविकासिनि गानमये
अनुदिनमर्चित कुङ्कुमधूसर,भूषित वासित वाद्यनुते.
कनकधरास्तुति वैभव वन्दित,शङ्कर देशिक मान्य पदे
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,विजयलक्ष्मी सदा पालय माम् ॥
॥ विद्यालक्ष्मि ॥
प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि,शोकविनाशिनि रत्नमये
मणिमयभूषित कर्णविभूषण,शान्तिसमावृत हास्यमुखे.
नवनिधिदायिनि कलिमलहारिणि,कामित फलप्रद हस्तयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,विद्यालक्ष्मी सदा पालय माम् ॥
॥ धनलक्ष्मि ॥
धिमिधिमि धिंधिमि धिंधिमि-धिंधिमि,दुन्दुभि नाद सुपूर्णमये
घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम,शङ्खनिनाद सुवाद्यनुते.
वेदपूराणेतिहास सुपूजित,वैदिकमार्ग प्रदर्शयुते
जय जय हे मधुसूदन कामिनि,धनलक्ष्मि रूपेणा पालय माम् ॥
-आज का राशिफल -
मेष राशि:- दिन श्रेष्ठ है. व्यावसायिक संबंधों का लाभ मिलेगा. बुद्धि से कार्य में सफलता के योग. पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि से संतोष रहेगा. रिश्तेदारों से संबंधों में मर्यादा जरूरी है. प्रेम प्रसंग में सफल होंगे.

वृष राशि:- किसी भी कीमत पर अपना काम करवा लेंगे. जीवनसाथी की मदद से कार्य पुरे होंगे. अपनी जिम्मेदारी को ठीक तरह से निभाने का प्रयास करें. निवेश लाभदायी रह सकेगा. राज्यपक्ष में आपका प्रभाव बढ़ेगा. विरोधियों से सावधान रहें.

मिथुन राशि:- आप की कार्यशैली और वाक् चातुर्य से काम पुरे होंगे. व्यावसायिक अनुकूलता रहेगी. निवेश करने में जल्दबाजी न करें. आर्थिक मामलों में सुधार की संभावना है. प्रगति वर्धक समाचार मिलेंगे. कार्ययोजना को गुप्त रखें.

कर्क राशि:- दिन की शुरुआत में आलस हावी रहेगा. दोस्तों के साथ मोज-मस्ती में समय बीतेगा. शुभ कार्यों में शामिल होने से सुयश एवं सम्मान मिलेगा. पराक्रम बढ़ेगा. नवीन उपलब्धि होगी. नए वस्त्रों की प्राप्ति होगी.

सिंह राशि:- राजनितिक दबाव के कारण होते कार्य अवरुद्ध हो सकते है. आज आर्थिक विशेष लाभ होने की संभावना है. परिजनों से अनुकूल समाचार मिलेंगे. संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी.

कन्या राशि:- आपके अपनों द्वारा आप प्रताड़ित हो सकते हैं. अपने उदेश्य की पूर्ति के प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करें. भूमि, आवास की समस्याओं का समाधान होगा. आर्थिक चिंता के कारण मन में असंतोष रहेगा. कर्ज से मुक्त मिलेगी.

तुला राशि:- आप की दिनचर्या में बदलाव आयेगा. अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी. नौकरी में पदोन्नति के योग बन रहे है. परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा. स्वभाव में चिड़चिड़ाहट हटेगा,

वृश्चिक राशि:- अपनों के व्यवहार से मन दुखी होगा. किसी भी काम को करने से पहले रणनीति तय करें. पारिवरिक समस्याओं का समाधान संभव है. रोजगार में लोभ न करें. वैवाहिक चर्चा सफल रहेगी. रुका धन मिलेगा, धार्मिक रुचि बढ़ेगी.

धनु राशि:- गलत निर्णय का गलत नतीजा. व्यवसाय में परिवर्तन करने का मन होगा. मान-सम्मान बढ़ेगा. योजनाएं फलीभूत होंगी. लेनदेन, कर्ज, खर्च की पूर्णता होगी. उधार दिया पैसा वापस नहीं मिलने से परेशानी बढ़ेगी.

मकर राशि:- आप की मेहनत के अनुरूप आप को फल न मिलने से मन दुखी होगा. व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में यश, सफलता मिलने के योग है. संतान से मदद मिलेगी. आर्थिक पक्ष मजबूत होगा.

कुम्भ राशि:- कार्यस्थल पर सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के अवसर आएंगे. धन प्राप्ति के योग हैं. व्यर्थ के विवादों से दूर रहें. व्यापार अच्छा चलेगा. पुराने विरोधी सक्रिय होंगे.

मीन राशि:- दोस्तों से मन की बात होगी. अनसोचे कामों में हाथ नहीं डालें. पारिवारिक मामले अशांत रखेंगे. कार्यक्षेत्र में काम का बोझ अधिक रहेगा. आर्थिक तंगी चिंता में डालेगी. कर्ज की अधिकता से तनाव बढ़ेगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453   
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- शुक्रवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा      रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- चर                    पहला- रोग
दूसरा- लाभ                  दूसरा- काल
तीसरा- अमृत              तीसरा- लाभ
चौथा- काल                 चौथा- उद्वेग
पांचवां- शुभ                पांचवां- शुभ
छठा- रोग                   छठा- अमृत
सातवां- उद्वेग               सातवां- चर
आठवां- चर                आठवां- रोग
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
पंचांग 
शुक्रवार, 18 नवंबर 2022
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते3
मास मार्गशीर्ष
दिन काल10:40:46
तिथि नवमी - 09:36:11 तक
नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी - 23:08:55 तक
करण गर - 09:36:11 तक, वणिज - 22:09:47 तक
पक्ष कृष्ण
योग वैधृति - 25:09:49 तक
सूर्योदय 06:45:41
सूर्यास्त 17:26:27
चन्द्र राशि सिंह - 29:29:32 तक
चन्द्रोदय 25:52:00
चन्द्रास्त 14:07:59
ऋतु हेमंत
अभिजित मुहूर्त 11:33 ए एम से 12:17 पी एम
अग्निवास पृथ्वी
दिशा शूल पश्चिम
नक्षत्र शूल उत्तर - 11:08 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास पूर्व - 05:29 ए एम, नवम्बर 19 तक
दक्षिण - 05:29 ए एम, नवम्बर 19 से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण-पूर्व

https://www.youtube.com/watch?v=rPTkADPWWTI&t=53s

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

बैकुंठ चतुर्दशी को नदियों में दीपदान करने से विष्णु-लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती

नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो बाद अब भाजपा विधायक की नई मांग- लगे शिवाजी की फोटो

पूजा में धूप-दीप प्रज्ज्वलित करने का क्या महत्व हैं?

Leave a Reply