महालक्ष्मी की स्थायी कृपा, धन प्राप्ति के उपाय

महालक्ष्मी की स्थायी कृपा, धन प्राप्ति के उपाय

प्रेषित समय :21:49:00 PM / Thu, Nov 17th, 2022

महालक्ष्मी की स्थायी कृपा, धन प्राप्ति के उपाय - टोटके
1. सदैव याद रखें कभी भी किसी से कोई चीज मुफ्त में न लें , हमेशा उसका मूल्य अवश्य ही चुकाएं , कभी भी किसी व्यक्ति को धोखा देकर धन का संचय न करें , इस तरह से कमाया हुआ धन टिकता नहीं है , वह उस व्यक्ति और उसके परिवार के ऊपर कर्ज के रूप में चढ जाता है और ऐसा करने से व्यक्ति के स्वयं के भाग्य और उसके कर्म से आसानी से मिलने वाली सम्रद्धि और सफलता में भी हमेशा बाधाएँ ही आती है .
2. हर एक व्यक्ति को चाहे वह अमीर हो या गरीब , उसका जो भी व्यवसाय -नौकरी हो अपनी आय का कुछ भाग प्रति माह धार्मिक कार्यों में अथवा दान पुण्य में अवश्य ही खर्च करें , ऐसा करने से उस व्यक्ति पर माँ लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है , उसके परिवार में हर्ष - उल्लास और सहयोग का वातावरण बना रहता है तथा सामान्यता वह अपने दायित्वों के पूर्ति के लिए पर्याप्त धन अवश्य ही आसानी से कमा लेता है .
3. स्त्रियों को स्वयं लक्ष्मी का स्वरुप माना गया है . प्रत्येक स्त्री को पूर्ण सम्मान दें . घर की व्यवस्था अपनी पत्नी को सौपें , वही घर को चलाये उसके काम में कभी भी मीन मेख न निकालें . अपने माता पिता को अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा अवश्य ही दें . घर में कोई भी बड़ा काम हो तो उस घर के बड़े बुजुर्गों विशेषकर स्त्रियों को अवश्य ही आगे करें . अपने घर एवं रिश्तेदारी में अपनी पत्नी को अवश्य ही आगे रखें . अपनी माँ, पत्नी, बहन एवं बेटी को हर त्यौहार , जन्मदिवस , एवं शादी की सालगिरह आदि पर कोई न कोई उपहार अवश्य ही दे .
4. घर के मुखिया जो अपने घर व्यापार में माँ लक्ष्मी की कृपा चाहते है वह रात के समय कभी भी चावल, सत्तू , दही , दूध ,मूली आदि खाने की सफेद चीजों का सेवन न करें इस नियम का जीवन भर यथासंभव पालन करने से आर्थिक पक्ष हमेशा ही मजबूत बना रहता है .
5. शुक्रवार को सवा सौ ग्राम साबुत बासमती चावल और सवा सौ ग्राम ही मिश्री को एक सफेद रुमाल में बांध कर माँ लक्ष्मी से अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए उनसे अपने घर में स्थायी रूप से रहने की प्रार्थना करते हुए उसे नदी की बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें , धीरे धीरे आर्थिक पक्ष मजबूत होता जायेगा .
6. प्रथम नवरात्री से नवमी तिथि तक प्रतिदिन एक बार श्रीसूक्त का अवश्य ही पाठ करें इससे निश्चय ही आप पर माता लक्ष्मी की कृपा द्रष्टि बनी रहेगी .
7. घर के पूजा स्थल और तिजोरी में सदैव लाल कपडा बिछा कर रखें और संध्या में आपकी पत्नी या घर की कोई भी स्त्री नियम पूर्वक वहां पर ३ अगरबत्ती जला कर अवश्य ही पूजा करें .
8. प्रत्येक पूर्णिमा में नियमपूर्वक साबूदाने की खीर मिश्री और केसर डाल कर बनाये फिर उसे माँ लक्ष्मी को अर्पित करते हुए अपने जीवन में चिर स्थाई सुख , सौभाग्य और सम्रद्धि की प्रार्थना करें , तत्पश्चात घर के सभी सदस्य उस खीर के प्रशाद का सेवन करें .
9. हर 6 माह में कम से कम एक बार अपने माता पिता को कोई उपहार अवश्य ही दें इससे आपकी आय में सदैव बरकत रहेगी .
10. घर में तुलसी का पौधा लगाकर वहां पर संध्या के समय रोजाना घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी उस घर से कभी भी नहीं जाती है .11. शुक्र ग्रह भौतिक सुख के कारक है , इसको मजबूत करने के लिए घर का कुछ हिस्सा कच्चा जरुर रखे .
12. यदि गृह लक्ष्मी प्रतिदिन एक लोटा जल प्रात: घर के मुख्य द्वार पर डाले तो उस घर में धन का आगमन बहुत ही सुगमता से होता है .
13. माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए स्नान के पश्चात यदि मस्तक पर शुद्ध केसर का तिलक , और इत्र लगाकर ही घर से अपने व्यवसाय में जाएँ तो धन लाभ की सम्भावना बड़ जाती है .
14. रात को सोते समय अपने दन्त फिटकरी से साफ करें लाभ प्राप्त होगा .
15. बुधवार को हरा चारा , ब्रहस्पति वार को गीली चने की दाल को आटे में मिलाकर उसके 2 पेड़े और शुक्रवार को सफेद चावल मीठा डालकर गाय को खिलाने से उस घर पर कभी भी कोई भी आर्थिक संकट नहीं आता है .
16. इन्द्रकृत महालक्ष्मी स्तोत्र के 11 पाठ नित्य करने और गीताजी के ग्यारहवें अध्याय का नियमित पाठ करने से महालक्ष्मी उस घर में सदा निवास करती है.
17. श्रीसूक्त के रात्रि के समय 11 पाठ करने व एक पाठ से हवन करने से मां लक्ष्मी उस पर सदा प्रसन्न रहती है.
18. ध्यान रहे धन लक्ष्मी की पूजा करने वाले किसी भी हाल में स्त्री का अनादर नहीं करें.
19. धन लक्ष्मी माता को सफेद पदार्थ जैसे चावल से बनी खीर और यथासंभव दूध से बने पकवानों का भोग लगाएं.
20. गृह लक्ष्मी, माता या घर की सबसे बड़ी स्त्री को आदर देते हुए घर की किसी भी पूजा का कोई भी प्रसाद सर्वप्रथम उन्हें ही ग्रहण कराएं तत्पश्चात स्वयं ग्रहण करें
21. भगवती लक्ष्मी के 18 पुत्र माने जाते हैं. इनके प्रतिदिन अथवा शुक्रवार के दिन इनके नाम के आरंभ में ॐ और अंत में 'नम:' लगाकर जप करने से मनचाहे धन की प्राप्ति होती है. जैसे -
1. ॐ देवसखाय नम:2. ॐ चिक्लीताय नम:3. ॐ आनंदाय नम:4. ॐ कर्दमाय नम: 5. ॐ श्रीप्रदाय नम:6. ॐ जातवेदाय नम:7. ॐ अनुरागाय नम:8. ॐ संवादाय नम:9. ॐ विजयाय नम:10. ॐ वल्लभाय नम:11. ॐ मदाय नम:12. ॐ हर्षाय नम:13. ॐ बलाय नम:14. ॐ तेजसे नम:15. ॐ दमकाय नम:16. ॐ सलिलाय नम:17. ॐ गुग्गुलाय नम:18. ॐ कुरूंटकाय नम:
यदि संभव हो तो इन्हे एक सफेद कागज पर लाल स्याही से लिख कर रख लें और पड़ने के बाद इस कागज को चूमकर अपने माथे से अवश्य लगाएँ |
22. शंख समुद्र मंथन के समय प्राप्त चौदह अनमोल रत्नों में से एक है. माता लक्ष्मी के साथ उत्पन्न होने के कारण इसे लक्ष्मी भ्राता भी कहा जाता है. यही कारण है कि जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास अवश्य ही होता है. घर में शंख जरूर रखें.
23. पति या पत्नी में कोई भी रात्रि में सोने से पहले घरं में ईश्वर का स्मरण करते हुए दो फूल वाले लौंग देसी कपूर के साथ जला लें मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहेगी .
24. शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं उस व्यक्ति को धन की कभी भी कमी नहीं रहती है.
25. बांस की बनी हुई बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय है. जिस घर में बांसुरी रखी होती है, उस परिवार में परस्पर प्रेम और सहयोग तो बना रहता ही है साथ ही उस घर में धन-वैभव, सुख-समृद्धि की भी कोई कमी नहीं रहती है. ध्यान दीजियेगा की बांसुरी टूटी , चिटकी न हो और उस पर कोई रेशमी मोटा धागा अवश्य बांध दें.
26. माह के किसी भी शुक्रवार के दिन 3 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाकर पीला वस्त्र व दक्षिणा देकर विदा करें. इससे मां लक्ष्मी की उस घर पर हमेशा कृपा बनी रहती हैं.
27. किसी शुभ मुहूर्त में लाल धागे में सातमुखी रुद्राक्ष गले में धारण करने से अवश्य ही धन लाभ होता है.
28. सफेद अकाव की जड़ को सफेद कपड़े में बांधकर घर के धन स्थान में रखने से समृद्धि बढ़ती है.
29. घर में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तर पश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें. फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें. ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा.
30. काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी.

लक्ष्मी मां को खुश करने के लिए यह उपाय करें
इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं. बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें साथ ही दीए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें.इस दिन दान देने का भी विशेष महत्व है इसलिए इस दिन जितना हो सके गरीबों को दान करें. सफेद रंग की वस्तु या खाद्य पदार्थ का दान करें तो और शुभ रहेगा.शुक्रवार को गाय की सेवा करें श्यामा गाय मिल जाये तो और अच्छा है. इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी. इनमें से किसी एक को भी करने से आपके अशुभ फलों में कमी होकर शुभ फलों में वृद्धि होती है.

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के आसान उपाय;
किसी भी मंदिर में जाकर गाय का शुद्ध घी दान में दें
श्रीमहालक्ष्मीसुप्रभातम् ॥
श्रीलक्ष्मि श्रीमहालक्ष्मि क्षीरसागरकन्यके
उत्तिष्ठ हरिसम्प्रीते भक्तानां भाग्यदायिनि .
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ श्रीलक्ष्मि विष्णुवक्षस्थलालये
उत्तिष्ठ करुणापूर्णे लोकानां शुभदायिनि ॥ १॥
श्रीपद्ममध्यवसिते वरपद्मनेत्रे
श्रीपद्महस्तचिरपूजितपद्मपादे .
श्रीपद्मजातजननि शुभपद्मवक्त्रे
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ २॥
जाम्बूनदाभसमकान्तिविराजमाने
तेजोस्वरूपिणि सुवर्णविभूषिताङ्गि .
सौवर्णवस्त्रपरिवेष्टितदिव्यदेहे
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ३॥
सर्वार्थसिद्धिदे विष्णुमनोऽनुकूले
सम्प्रार्थिताखिलजनावनदिव्यशीले .
दारिद्र्यदुःखभयनाशिनि भक्तपाले
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ४॥
चन्द्रानुजे कमलकोमलगर्भजाते
चन्द्रार्कवह्निनयने शुभचन्द्रवक्त्रे .
हे चन्द्रिकासमसुशीतलमन्दहासे
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ५॥
श्रीआदिलक्ष्मि सकलेप्सितदानदक्षे
श्रीभाग्यलक्ष्मि शरणागत दीनपक्षे .
ऐश्वर्यलक्ष्मि चरणार्चितभक्तरक्षिन्
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ६॥
श्रीधैर्यलक्ष्मि निजभक्तहृदन्तरस्थे
सन्तानलक्ष्मि निजभक्तकुलप्रवृद्धे .
श्रीज्ञानलक्ष्मि सकलागमज्ञानदात्रि
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ७॥
सौभाग्यदात्रि शरणं गजलक्ष्मि पाहि
दारिद्र्यध्वंसिनि नमो वरलक्ष्मि पाहि .
सत्सौख्यदायिनि नमो धनलक्ष्मि पाहि
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ८॥
श्रीराज्यलक्ष्मि नृपवेश्मगते सुहासिन्
श्रीयोगलक्ष्मि मुनिमानसपद्मवासिन् .
श्रीधान्यलक्ष्मि सकलावनिक्षेमदात्रि
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ ९॥
श्रीपार्वती त्वमसि श्रीकरि शैवशैले
क्षीरोदधेस्त्वमसि पावनि सिन्धुकन्या .
स्वर्गस्थले त्वमसि कोमले स्वर्गलक्ष्मी
श्रीलक्ष्मि भक्तवरदे तव सुप्रभातम् ॥ १०॥
गङ्गा त्वमेव जननी तुलसी त्वमेव
कृष्णप्रिया त्वमसि भाण्डिरदिव्यक्षेत्रे .
राजगृहे त्वमसि सुन्दरि राज्यलक्ष्मी

Koti Devi Devta

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

देश के प्रमुख शहरों में वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजन का शुद्ध समय

महालक्ष्मी व्रत प्रारम्भ शनिवार, 3 सितम्बर 2022 से

Leave a Reply