Drishyam 2 Review:  अजय देवगन ने किया अपनी आंखों से अभिनय

Drishyam 2 Review:  अजय देवगन ने किया अपनी आंखों से अभिनय

प्रेषित समय :09:09:03 AM / Sat, Nov 19th, 2022

रेटिंग: 2.5/5 स्टार
डायरेक्टर: अभिषेक पाठक 
कलाकार: अजय देवगन, तबु, श्रिया सरन और अक्षय खन्ना

‘दृश्‍यम 2’ स‍िनेमाघरों में र‍िलीज हो चुकी है. इस बार कोई नई कहानी नहीं है, बल्‍कि पुरानी ही कहानी को एक बार फिर से कुरेदा गया है.  'दृश्यम 2' हिंदी में अजय देवगन, तबु, श्रिया सरन और अक्षय खन्ना लीड रोल में हैं. यह क्राइम थ्रिलर उस तरह से दिलो दिमाग पर उतरने में कामयाब नहीं रह पाती है, जिस तरह 'दृश्यम' हिंदी ने जेहन पर असर डाला था. फिल्म के डायरेक्टर अभिषेक पाठक, मलयालम डायरेक्टर जीतू जोसेफ जैसा जादू क्रिएट करने में सफल नहीं रह पाते हैं. 

कहानी: समीर देशमुख मर्डर केस को अब पूरे 7 साल हो चुके हैं और इन सालों में व‍िजय सलगांवकर और उसका पर‍िवार पुराने जख्‍मों से उबर आगे बढ़ चुका है. व‍िजय अब म‍िराज केबल के साथ-साथ एक स‍िनेमाघर भी चलाता है. साथ ही वो एक फिल्‍म भी बनाने की तैयारी कर रहा है. वहीं डीआईजी मीरा देशमुख अब भी लंदन से हर साल आकर अपने बेटे की आत्‍मा की शांति के ल‍िए प्रार्थना कर रही है. पर मीरा कुछ भी भूली नहीं है. पुल‍िस काफी कोशिशों के बाद और सबूत जोड़ने के बाद ये केस दोबारा से खुलता है. लेकिन क्‍या इस बार व‍िजय के परिवार को उस क्राइम की सजा होगी या ये चौथी फेल फ‍िर से बच जाएगा, ये देखने के ल‍िए आपको फिल्‍म देखनी होगी.

फिल्‍म के फर्स्‍ट हाफ की बात करें तो शुरुआत में कहानी थोड़ी धीमी लगती है. बल्‍कि कुछ सीन्‍स में आपको लगेगा कि आखिर ये क्‍यों द‍िखाया गया या ये सीन कुछ समझ नहीं आया. लेकिन दरअसल इंटरवेल के बाद आपको पता चलेगा कि इंटरवेल से पहले द‍िखाए गए कई सीन्‍स का कनेक्‍शन कहानी के ब‍िल्‍डअप से है, ज‍िसका राज इंटरवेल के बाद खुलेगा. शुरुआत के सीन्‍स में बस कहानी चल रही है, लेकिन आप कुर्सियों के हेंडल को तब पकड़ेंगे जब अक्षय खन्ना की एंट्री होती है.

पहली फिल्‍म में फर्स्‍ट हाफ में एक क्राइम होता है और सेकंड हाफ पूरा इस क्राइम को ‘हुआ ही नहीं’ ये साब‍ित करने न‍िकल जाता है. एक्टिंग की बात करें तो इस फिल्‍म में भी अजय ने अपनी आंखों से ही अभ‍िनय क‍िया है क्‍योंकि बोलने का काम इस फिल्‍म में उनके पास नहीं है. श्रिया सरन का काम एवरेज है. हालांकि इस बार दोनों बेट‍ियों के पास डरने के अलावा और कुछ नहीं है. अक्षय खन्ना जरूर कुछ सीन्स में काफी इम्प्रेसिव लगते हैं. 'दृश्यम 2' को थोड़ा कसावट भरा रखा जा सकता था. आखिरी का एक घंटा जरूर फिल्म में थोड़ी रफ्तार लाता है, लेकिन उससे पहले फिल्म एकदम खींची हुई लगती है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

Leave a Reply