आज का दिन: रविवार, 20 नवंबर 2022, ज्ञात-अज्ञात पापों का नाश करती है उत्पन्ना एकादशी...

आज का दिन: रविवार, 20 नवंबर 2022, ज्ञात-अज्ञात पापों का नाश करती है उत्पन्ना एकादशी...

प्रेषित समय :20:27:28 PM / Sat, Nov 19th, 2022

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* उत्पन्ना एकादशी व्रत के प्रभाव से श्रद्धालु को मोक्ष की प्राप्ति होती है. 
* इस दिन देवी एकादशी का जन्म हुआ था, इसीलिए धर्मग्रथों के अनुसार उत्पन्ना एकादशी व्रत में भगवान श्रीविष्णु समेत देवी एकादशी की पूजा का भी विधान है. 
* उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रात:काल उठकर व्रत का संकल्प ले कर पवित्र स्नान करना चाहिए.
* इसके पश्चात धूप, दीप, नैवेद्य आदि सामग्री से भगवान श्रीविष्णु का पूजन और रात को दीपदान करना चाहिए. 
* उत्पन्ना एकादशी की रात भगवान का भजन-कीर्तन-जागरण करना चाहिए. 
* अगले दिन प्रात:काल भगवान श्रीविष्णु की पूजा कर दान-पुण्य करके पारण करना चाहिए.
* इस एकादशी का व्रत-पूजन करने से समस्त तीर्थों का शुभ फल भगवान श्रीविष्णु के धाम की प्राप्ति होती है. 
* उत्पन्ना एकादशी व्रत रखने से श्रद्धालु के सभी ज्ञात/अज्ञात पापों का नाश होता है.
॥ एकादशी माता की आरती ॥
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता.
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी...॥
तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी.
गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना,विश्वतारनी जन्मी.
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी...॥
पौष के कृष्णपक्ष की,सफला नामक है.
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा,आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी...॥
नाम षटतिला माघ मास में,कृष्णपक्ष आवै.
शुक्लपक्ष में जया, कहावै,विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥
विजया फागुन कृष्णपक्ष मेंशुक्ला आमलकी.
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में,चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी...॥
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा,धन देने वाली.
नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में,वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी...॥
शुक्ल पक्ष में होयमोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी.
नाम निर्जला सब सुख करनी,शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी...॥
योगिनी नाम आषाढ में जानों,कृष्णपक्ष करनी.
देवशयनी नाम कहायो,शुक्लपक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
कामिका श्रावण मास में आवै,कृष्णपक्ष कहिए.
श्रावण शुक्ला होयपवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी...॥
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की,परिवर्तिनी शुक्ला.
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में,व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी...॥
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में,आप हरनहारी.
रमा मास कार्तिक में आवै,सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी...॥
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की,दुखनाशक मैया.
पावन मास में करूंविनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी...॥
परमा कृष्णपक्ष में होती,जन मंगल करनी.
शुक्ल मास में होयपद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी...॥
जो कोई आरती एकादशी की,भक्ति सहित गावै.
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा,निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी...॥
- आज का राशिफल -
मेष राशि:- भविष्य के प्रति चिंतित होंगे. मन में बुरे विचारों को न आने दें. स्वयं पर नियंत्रण रखें. नकारात्मक सोच के कारण ही आप पीछे हैं. पारिवारिक माहौल सामान्य रहेगा. मित्रों के साथ समय व्यतीत होगा. नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है.

वृष राशि:- कार्यस्थल पर सहकर्मियों से मन मुटाव होगा. क्रोध की अधिकता रहेगी. आय के नए स्त्रोत स्थापित होंगे. अपने कर्मचारियों के कारण परेशान होंगे. आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. धार्मिक कार्यों में धन लगेगा.

मिथुन राशि:- स्वास्थ में सुधार होगा. अपने आगामी भविष्य को लेकर चिंतित रहेंगे. मन में कई विचार आयेंगे. व्यवसाय में उन्नति होगी. भूमि भवन संबंधित मामले पक्ष में हल होंगे. प्रशासन से जुड़े कार्य सहज हो जायेंगे. यात्रा संभव है.

कर्क राशि:- अपनी संतान से विवाद हो सकता है. आजीविका को लेकर आप चिंतित हैं. विवाह योग्य जातकों के लिए समय उपयुक्त है. कारोबार विस्तार करने का मन होगा. वाहन सुख की प्राप्ति संभव है.

सिंह राशि:- अपने मन की बात हर किसी को बताने से नुकसान आप का ही है. सुख-सुविधा की वस्तुओं और धन खर्च होगा. आप की उन्नति से विरोधी नाखुश होंगे. अपने वाक् चातुर्य से अधिकारी प्रभावित होंगे. विदेश जाने के योग बन रहे हैं.

कन्या राशि:- दोस्तों के सहयोग से कोई जरूरी कार्य होगा. अपनों से संबंधों में मजबूती आयेगी. आलस की अधिकता से कार्य में रूचि नहीं रहेगी. आर्थिक मामले आज पक्ष में हल होंगे. राजीनति से जुड़े लोग सम्मान प्राप्त करेंगे.

तुला राशि:- किसी विशेष व्यक्ति का जीवन में प्रवेश आप के तोर तरीके बदल देगा. आकस्मिक धन लाभ होगा. विरोधी आप को निचा दिखाने के हर संभव प्रयास करेंगे. मन की बात अपनों को बता दें, रास्ता मिल जायेगा.

वृश्चिक राशि:- जरूरत से ज्यादा किसी घनिष्ठता संबंधों को कमजोर कर देगी. आप सहने की शक्ति रखें. जल्द ही आप क्रोध से भर जाते हैं. स्वयं पर काबू रखें. व्यवसाय स्थल पर विवाद हो सकता है. उधार दिया पैसा न आने से मुश्किलें बढ़ेगी.

धनु राशि:- समय के साथ स्वयं को भी बदलें. अपने व्यवहार में नम्रता लाएं. कारोबार विस्तार के लिए धन एकत्रित करने में लगे रहेंगे. भूमि संबंधित विवाद के चलते चिंता रहेगी.

मकर राशि:- अपने विवेक से हर कार्य सफल कर लेंगे. निजी जीवन में दूसरों को प्रवेश न दें. मित्रों के साथ यात्रा आनंदप्रद रहेगी. आजीविका के लिए भटकना पड़ेगा. माता-पिता के स्वास्थ में सुधार होगा. किसी विशेष जन से संबंध बनेंगे.

कुम्भ राशि:- व्यवसाय में नई योजना लाभदायक रहेगी. जीवनसाथी का साथ आप को आगे बढ़ने में मदद करेगा. संतान के विवाह संबंधित समस्या से परेशान रहेंगे. भवन परिवर्तन के योग है. वाहन का प्रयोग सावधानी से करें.

मीन राशि:- अपनों से धोखा मिलेगा. राजनीति से जुड़े लोगों को पद मिल सकता है. पारिवारिकजनों की सहायता करनी होगी. आजीविका के स्त्रोत में वृद्धि होगी. पिता के साथ ताल मेल स्थापित न होने से तनाव हो सकता है.
 *आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453 
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.- 
 - रविवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा                रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- उद्वेग                            पहला- शुभ
दूसरा- चर                              दूसरा- अमृत
तीसरा- लाभ                            तीसरा- चर
चौथा- अमृत                             चौथा- रोग
पांचवां- काल                           पांचवां- काल
छठा- शुभ                                छठा- लाभ
सातवां- रोग                           सातवां- उद्वेग
आठवां- उद्वेग                          आठवां- शुभ
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है. 
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
पंचांग  
रविवार, 20 नवंबर 2022
उत्पन्ना एकादशी
शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते5
मास मार्गशीर्ष
दिन काल10:38:29
तिथि एकादशी - 10:44:14 तक
नक्षत्र हस्त - 24:36:52 तक
करण बालव - 10:44:14 तक, कौलव - 22:32:44 तक
पक्ष कृष्ण
योग प्रीति - 23:02:33 तक
सूर्योदय 06:47:15
सूर्यास्त 17:25:45
चन्द्र राशि कन्या
चन्द्रोदय 27:48:00
चन्द्रास्त 15:05:59
ऋतु हेमंत
अभिजित मुहूर्त 11:34 ए एम से 12:18 पी एम
अग्निवास पृथ्वी - 10:41 ए एम तक , आकाश
दिशा शूल पश्चिम
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास उत्तर

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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