नई दिल्ली. जेट एयरवेज के सीईओ संजीव कपूर ने 60 फीसदी कर्मचारियों को बगैर वेतन के छुट्टी पर भेजे जाने की खबर पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि इससे 2/3 स्टाफ पर फर्क नहीं पड़ा है. बचे हुए 1/3 हिस्से में अधिकांश की अस्थाई वेतन कटौती की गई है. इसके अलावा 10 फीसदी से भी कम स्टाफ ही अस्थाई लीव विदाउट पे (बगैर वेतन के छुट्टी) पर गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी स्टाफ को नहीं निकाला जा रहा है.
संजीव कपूर ने आगे लिखा, “ये अच्छे लोग हैं जो ऐसा काम करने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं जिसे पहले कभी नहीं किया गया, एक दिवालिया एयरलाइन को जिंदा करने का काम. हालांकि…हमारे नियंत्रण के बाहर की कुछ बातों के कारण कठोर निर्णय लेने होंगे.” बकौल कपूर, “जो टीम जेट (एयरवेज) को रिवाइव करने की कोशिश कर रही है वह कंपनी की नकदी खत्म होने और परिचालन बंद करने का कारण नहीं थी. वे नई पूंजी के साथ कंपनी को दोबारा खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे ग्राहकों को और विकल्प मिलेंगे और नई जॉब के साथ पुरानी नौकरियां भी वापस लौटेंगी.”
शुक्रवार को खबर आई थी कि जेट एयरवेज के परिचालन को लेकर अनिश्चितता के बीच कंपनी अधिकांश कर्मचारियों को बगैर सैलरी छुट्टी पर भेजेगी. इसके अलावा कई स्टाफ की सैलरी में भी कटौती की जाएगी. खबरों के अनुसार, कंपनी करीब 60 फीसदी कर्मचारियों को ली विदाउट पे पर भेजने वाली थी. हालांकि, अब संजीव कपूर के बयान के बाद इसमें कुछ स्पष्टता आई है. इसके बावजूद कंपनी के करीब 33 फीसदी (1/3) कर्मचारियों पर इस फैसले का प्रभाव होगा. कंपनी द्वारा उठाया गया ये कदम 1 दिसंबर से प्रभावी हो जाएगा.
जेट एयरवेज के लिए बोली जीतने वाली जालान-क़ालरॉक कंसोर्टियम ने शुक्रवार को कहा था कि वह कैश फ्लो को मैनेज करने के लिए निकट भविष्य में कठोर फैसले ले सकती है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा कर के वह दिवालिया रिजोल्यूशन प्लान के खिलाफ नहीं जा रहे हैं. कंसोर्टियम के रिजोल्यूशन प्लान को पिछले साल जुलाई में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने मंजूरी दी थी. इसके बाद इस साल मई में कंपनी को विमानन नियामक डीजीसीएस से एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट दोबारा से मिला था. हालांकि, अभी तक विमान कंपनी परिचालन नहीं शुरू कर सकी है.
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