आज का दिन: बुधवार,23 नवंबर 2022, प्रदीप ऐस्ट्रो डायरी से रहेगा भूत-भविष्य-वर्तमान का हिसाब!

आज का दिन: बुधवार,23 नवंबर 2022, प्रदीप ऐस्ट्रो डायरी से रहेगा भूत-भविष्य-वर्तमान का हिसाब!

प्रेषित समय :18:18:06 PM / Tue, Nov 22nd, 2022

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी 
* ऐस्ट्रो डायरी एक तरह का रिकॉर्ड है जो भविष्य की गणना के लिए भूतकाल की जरूरी जानकारियां उपलब्ध करवा सकता है.
* आमतौर पर वैकल्पिक ज्योतिष... अंक शास्त्र, लकी डे, लकी नंबर, अमावस्या/पूर्णिमा प्रभाव जैसी जानकारी व्यक्ति याद करके काम चला लेता है लेकिन यदि प्रतिदिन का रिकॉर्ड रखा जाए, तो योग्य व्यक्ति द्वारा अनालिसेस करके कई महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाई जा सकती हैं.
* कृष्णपक्ष/शुक्लपक्ष और चन्द्र आधारित रिकॉर्ड/जानकारियां यह बता सकती हैं कि कौन सी तिथियां और कौन सी राशि का चन्द्र अच्छा/मध्यम/खराब प्रभाव दे रहा है.
* इसी तरह किसी ग्रह के गोचर का प्रभाव भी ऐस्ट्रो डायरी की जानकारी से पता किया जा सकता है.
* कई बार व्यक्ति विशेष के जन्म समय में फर्क होता है, ऐसे समय में एस्ट्रो रिकॉर्ड से समय संशोधन भी संभव है.
* एस्ट्रो डायरी के रिकॉर्ड से निष्कर्ष निकालना ज्योतिष की क्षमता पर निर्भर है!
प्रथम पितृ नारायण देव की आराधना समस्त पितृदोषों से मुक्ति प्रदान करती है!
* नियमितरूप से प्रथम पितृ नारायण देव की आराधना समस्त पितृदोषों से मुक्ति प्रदान करती है!
* अमावस्या पर विशेष व्यापारिक/सांसारिक कार्यों को विराम दिया जाता है क्योंकि यह धर्म कर्म... दानपुण्य का श्रेष्ठ अवसर होता है और इस मौके पर मन का भटकाव नहीं होना चाहिए!
* अमावस्या के अवसर पर ज्ञात-अज्ञात पितरों के प्रति जाने-अनजाने किए गए पाप-अपराध के लिए क्षमा मांगते हुए नारायण देव से उनकी उत्तम गति की प्रार्थना करें... पितरों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि-सफलता आएगी!
* प्रथम पितृ नारायण देव की आराधना करें... ओम प्रथम पितृ नारायण देवेभ्यो नम:!
अमावस्या को करें कालसर्प योग दोष निवारण... 
* कालसर्प महज एक योग है जिसके अनुसार जब सारे ग्रह राहु-केतु के बीच आ जाते हैं, तब बनता है.
* जब कोई एक ग्रह इस घेरे से बाहर होता है तब इसे आंशिक योग माना जाता है.
* आमतौर पर कालसर्प योग को दोष मानकर डर का ऐसा वातावरण तैयार हो गया है कि व्यक्ति को हर परेशानी का कारण यही दोष नजर आता है.
* वैसे देश-दुनिया में कई ऐसे सफलतम व्यक्ति हैं जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प योग रहे हैं, इसलिए सर्व प्रथम तो कालसर्प योग के डर से मुक्त होना आवश्यक है. 
* यदि कालसर्प दोष जन्म कुंडली में प्रभावी है तो इससे मुक्ति के लिए अमावस्या उत्तम तिथि है. 
* श्रेष्ठ ज्ञानी पंडित के निर्देशन में कालसर्प दोष मुक्ति के लिए पूजा करें.
* यदि पूजा नहीं करना चाहते हैं तो भी कई उपाय हैं जो कालसर्प दोष के मानसिक एवं वास्तविक कुप्रभाव को नष्ट करने में सहायक हैं.
* नागपाश से मुक्त कराने वाले महावीर हनुमान की नियमित पूजा करें, कालसर्प दोष अप्रभावी होगा.
* श्रीकृष्ण से इस दोष के कुप्रभाव से मुक्ति की प्रार्थना करें एवं घर में मयूर पंख रखें.
* देवी सरस्वती की नियमित पूजा कर इस दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें.
* यदि संभव हो तो किसी सपेरे द्वारा पकड़े गए सर्प को मुक्त कराएं.
* अमावस्या को चांदी का सर्प का जोड़ा भोलेनाथ को चढ़ाएं एवं कालसर्प योग के कुप्रभाव से मुक्ति की प्रार्थना करें.
* कालसर्प योग को लेकर वहम नहीं पालें, वरना बेवजह मानसिक तनाव होगा!
* ग्रहों के गोचर और जन्म कुंडली की दशा-अन्तर्दशा के सापेक्ष कुप्रभाव में कमी-बढ़ोतरी संभव है इसलिए भोलेनाथ की शरण में जाएं, हर दोष से मुक्ति मिलेगी!
- आज का राशिफल- 
मेष राशि:- कारोबार का विस्तार के योग के बीच नई योजना का लाभ मिलेगा. परिजनों का व्यवहार कमजोर रहेगा. दाम्पत्य सम्बन्धों में मधुरता आएगी. धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी.

वृष राशि:- काम बहुत है आप अच्छे से कार्यनीति तय करें, अन्यथा काम आरम्भ ही न करें. धैर्य से अपने कार्यों के प्रति समर्पित रहें. मध्यान्ह से कुछ राहत का अनुभव होगा. कोर्ट कचहरी के चक्कर लग सकते हैं.

मिथुन राशि:- अनुकूल समय का सदुपयोग करें. महत्व के कायोँं को प्राथमिकता दें. संतान सुख सम्भव है. वाहन खरीदने का मन होगा. स्वास्थ का ध्यान रखते हुए,अपनी संगत बदलें. बड़ों का आदर करें.

कर्क राशि:- लंबित कार्यों में आशाएं बलवती होंगी. सामाजिक संबंधों में प्रगाढता आएगी. यात्रा सफल रहेगी. शुभ कायों में व्यय होगा. लेकिन, शासन-प्रशासन का सहयोग न मिलने से कार्य बाधित होंगे.

सिंह राशि:- शुभ समाचारों की प्राप्ति के बीच साझेदारी में किए कारोबार में तरक्की होगी. धन लाभ होता रहेगा. नया मकान दुकान खरीदने के योग है. धर्म-कर्म में रूचि बढेगी. यात्रा सफल रहेगी.

कन्या राशि:- समय अनुकूल नहीं है, अत: निवेश से बचें. धैर्य से कार्य सम्पादन में लगे रहें. रूके कार्यों की पूर्ति की होंगी. शुभ कार्यों में मन लगेगा. विदेश जाने के योग बन रहे हैं.

तुला राशि:- कम समय में काम को पूरा करने में लगे रहेंगे. समय का सदुपयोग करें. विशेष महत्व के कार्य पूरा करने का प्रयास करें. सफलता मिलेगी. कारोबारी समस्याओं से सामना होगा. . सायंकाल यात्रा न करें.

वृश्चिक राशि:- समय अनुकूल नहीं है, अत: सतर्क रहें. कोई नया काम आरम्भ करने में विलंब होगा. किसी अपने के प्रति शुभ भावनाओं का उदय होगा. आशाएं बलवती होंगी.

धनु राशि:- समय का सदुपयोग करते हुए दोस्तों के साथ मिल कर कोई नया काम शुरू कर सकते हैं. विशेष लोगों से मुलाकात के बीच मनचाही कार्य सिद्धि होगी. झूठ बोल कर फंस सकते हैं.

मकर राशि:- शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा. आश्वासन प्राप्त होंगे. कारोबार में सफलता मिलेगी. सामाजिक संबंधें का लाभ मिलेगा. शुभ कार्यों में व्यय होगा. लेकिन, अपनों की बातों से मन दुखी होगा.

कुम्भ राशि:- दिन की शुरुआत व्यस्तता पूर्वक रहेगी. कारोबार में सफलता मिलेगी. भाग्य में प्रबलता रहेगी. दूर स्थान से सुखद संदेश प्राप्त होंगे. देव दर्शन और निजी कार्यो में समय बीतेगा.

मीन राशि:- आध्यात्मिक तरक्की होगी. धन लाभ के लिए किए गए प्रयास सफल होंगे. परिजनों का सहयोग मिलेगा. अनुबन्धों की पूर्ति होगी. सम्बन्धों का लाभ मिलेगा. न्याय पक्ष उत्तम
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 9131366453
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
- बुधवार का चौघडिय़ा -
दिन का चौघडिय़ा               रात्रि का चौघडिय़ा
पहला- लाभ                          पहला- उद्वेग
दूसरा- अमृत                         दूसरा- शुभ
तीसरा- काल                       तीसरा- अमृत
चौथा- शुभ                            चौथा- चर
पांचवां- रोग                        पांचवां- रोग
छठा- उद्वेग                          छठा- काल
सातवां- चर                         सातवां- लाभ
आठवां- लाभ                      आठवां- उद्वेग

* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! 
पंचांग  
बुधवार, 23 नवंबर 2022
दर्श अमावस्या
मार्गशीर्ष अमावस्या

शक सम्वत1944   शुभकृत
विक्रम सम्वत2079
काली सम्वत5123
प्रविष्टे / गत्ते8
मास मार्गशीर्ष
दिन काल10:35:13
तिथि चतुर्दशी - 06:56:08 तक, अमावस्या - 28:29:16 तक
नक्षत्र विशाखा - 21:37:58 तक
करण शकुन - 06:56:08 तक, चतुष्पाद - 17:46:03 तक
पक्ष कृष्ण
योग शोभन - 15:38:32 तक
सूर्योदय06:49:39
सूर्यास्त17:24:53
चन्द्र राशि तुला - 16:04:25 तक
चन्द्रोदय चन्द्रोदय नहीं
चन्द्रास्त 16:52:59
ऋतु हेमंत
अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
अग्निवास पाताल - 06:53 ए एम तक
पृथ्वी - 04:26 ए एम, नवम्बर 24 तक , पाताल
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास पश्चिम - 04:04 पी एम तक
उत्तर - 04:04 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास दक्षिण-पश्चिम

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

वैदिक ज्योतिष में कुंडली के छठे भाव में ग्रहों का प्रभाव

जन्म कुंडली का पंचम भाव

जन्म कुंडली के चौथे घर में विभिन्न ग्रहों के प्रभाव

जन्मकुंडली में मंगल शनि युति

सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य

जन्म कुंडली में केंद्र त्रिकोण के ग्रहों का आपसी दृष्टि संबंध

Leave a Reply