Gujarat Election : बीजेपी के लिए बागी बने सिरदर्द, सख्त कार्रवाई का भी नहीं हो रहा असर

Gujarat Election : बीजेपी के लिए बागी बने सिरदर्द, बगावत पर हैं आमादा, सख्त कार्रवाई का भी नहीं हो रहा असर

प्रेषित समय :08:54:46 AM / Wed, Nov 23rd, 2022

अहमदाबाद. भारतीय जनता पार्टी के उसके नेता ही सिरदर्द साबित हो रहे हैं। अब बड़ा सवाल यह है कि पार्टी को क्या इन नेताओं की नाराजगी भारी पड़ेगी। कई सीटें ऐसी हैं जहां पर पार्टी के बागी गणित गड़बड़ा सकता हैं। पार्टी ने पिछले चुनाव में 99 सीटें जीती थीं। पार्टी ने पहले चरण में सात नेताओं को सस्पेंड करके कड़ा संदेश देने की कोशिश की थी। लेकिन इसके बाद भी पार्टी नेता बगावत पर आमादा है। इसके बाद पार्टी ने 12 और नेताओं को संस्पेंड किया है। हालांकि इन नेताओं ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर खुद ही इस्तीफा दे दिया था।  

पार्टी ने इससे पहले छह नेताओं को पार्टी से सस्पेंड किया था। दूसरी सूची में सबसे पहला नाम वडोदरा जिले की पादरा विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे दिनेश पटेल उर्फ दीनु मामा का है। इसके बाद पार्टी ने वडोदरा जिले की वाघोडिया जिले की सीट से चुनाव लड़ रहे मधु श्रीवास्तव पर भी कार्रवाई की है। मधु मौजूदा विधायक हैं। पार्टी ने इसके अलावा वडोदरा में सावली सीट से कांग्रेस की टिकट पर लड़ रहे कुलदीप सिंह राउल पर कार्रवाई की है।  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने पहले कार्रवाई की चेतावनी दी थी, इसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी के मैंडेट के खिलाफ लड़ रहे नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। 21 नंवबर को जैसे ही दूसरे चरण के लिए नाम वापसी का समय खत्म हुआ। पार्टी ने इन नेताओं को संस्पेंड करने का ऐलान कर दिया।

प्रदेश की कुल 182 सीटों में से 19 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ पार्टी के नेता ही लड़ रहे हैं। इन नेताओं को टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने अंतिम वक्त पर टिकट काटा तो फिर इन नेताओं ने निर्दलीय और दूसरी पार्टी से ताल ठोंक दी। पार्टी ने अब इन नेताओं पर सख्त कार्रवाई करते हुए इन्हें पार्टी से निष्कासित किया है।

गुजरात में विधानसभा कुल सीटों की संख्या 182 है। इसमें 40 सीटें आरक्षित हैं। 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और 13 सीटें अनुसूचित जाति के रिजर्व हैं। विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 92 सीटों का है। 2017 के चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी मुश्किल से सरकार बचा पाने में सफल रही थी। दो दशक में पहली बार पार्टी की सीटों की संख्या दो अंकों में सिमट गई थी और बीजेपी सिर्फ 99 सीटें जीत सकती थी। कांग्रेस को 2017 के चुनाव 77 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस से गठबंधन करके लड़ी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को 2 सीटें मिली और 1 सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विजयी हुई थी। तीन सीटों पर निर्दलीय जीते थे। इनमें वडगाम से दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की कांग्रेस के समर्थन से जीत हुई थी।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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