नई दिल्ली. ट्विटर-फेसबुक के बाद अब गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट करीब 10 हजार कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार कंपनी अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है और रिव्यू में कमजोर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को निकाल दिया जाएगा. फिलहाल दुनिया की अन्य दिग्गज टेक कंपनियों की तरह है गूगल पर भी अपनी लागत घटाने का दबाव है और वो इसकी शुरुआत कर्मचारियों की संख्या घटा कर रहे हैं.
खबरों के अनुसार कंपनी हर 100 में से 6 कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रही है. जो कि करीब 10 हजार कर्मचारियों के बराबर है. गूगल इसके लिए रैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करेगा और रैंकिंग में सबसे नीचे आने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा. खास बात ये है कि कुछ समय पहले गूगल ने बड़ी संख्या में लोगों की भर्तियां की थी. जिसके बाद विशेषज्ञों और निवेशकों ने कंपनी मैनेजमेंट को बढ़ती हुई लागत को लेकर चेतावनी देनी शुरू की.
अरबपति निवेशक क्रिस्टोफर हॉन ने शिकायत की थी कि गूगल नए कर्मचारियों की भर्ती के मामले में इंडस्ट्री के औसत से भी ऊपर निकल गई है. और जितनी भर्तियां हाल में हुई हैं वो कंपनी की जरूरतों से भी ज्यादा है. जिसके बाद गूगल ने ऐलान किया था कि वो चौथी तिमाही में भर्तियों की रफ्तार धीमी करेंगे. हालांकि अब इसी तिमाही में कंपनी छंटनी करने जा रही है.
दिग्गज निवेशक क्रिस्टोफर हॉन ने अल्फाबेट को एक खत लिखकर कहा था कि कंपनी में जरूरत से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं. और इनकी संख्या को घटाने की जरूरत है. वहीं यूके के इस निवेशक ने मेल में ये भी लिखा की कंपनी के कर्मचारियों को इंडस्ट्री के औसत से कही ज्यादा वेतन मिल रहा है. और हाल के दिनों में औसत से ज्यादा भर्तियां भी हुई हैं. साल 2021 में गूगल के कर्मचारियों की औसत सैलरी करीब 3 लाख डॉलर यानि 2 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक अल्फाबेट अमेरिका की टॉप टेक कंपनियों से भी डेढ़ गुना ज्यादा सैलरी दे रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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