बीजिंग. चीन में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ते दिख रहे हैं और महामारी की शुरुआत के बाद से इस देश में रोजाना दर्ज हो रहे कोविड मामले अब अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में 30 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन में फिर से कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही है. वहीं झोंगझोउ में लॉकडाउन समेत कई सख्त कोविड नियमों और वेतन विवाद को लेकर जबरदस्त नाराजगी देखी गई और कर्मचारियों तथा पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई.
नेशनल हेल्थ ब्यूरो ने कहा कि चीन में बुधवार को 31,454 मामले दर्ज किए जिसमें 27,517 मामले बिना किसी लक्षण के थे. हालांकि ये मामले चीन की 1.4 बिलियन की विशाल आबादी की तुलना में यह संख्या अपेक्षाकृत बेहद कम है, लेकिन बीजिंग की सख्त शून्य-कोविड पॉलिसी के तहत, छोटे-छोटे मामलों के सामने आने के बाद पूरे शहरों को बंद किया जा सकता है और कोरोना से संक्रमित लोगों को बेहद सख्त क्वारंटीन में रखा जा सकता है.
कोरोना के मामले के तीसरे साल में जाने के बीच चीन में एक के बाद एक पाबंदियों और सख्त गाइडलाइंस ने लोगों को थका दिया है और गुस्से में भी भर दिया है. लगातार पाबंदियों ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में छिटपुट विरोध और उत्पादकता के स्तर को प्रभावित किया है.
चीनी सोशल मीडिया पर उपलब्ध झोंगझोउ स्थित कारखाने के वीडियो में नकाब पहने हजारों प्रदर्शनकारी सफेद सुरक्षात्मक सूट पहने पुलिसकर्मियों का सामना करते नजर आ रहे हैं. एक व्यक्ति के सिर पर डंडा मारा गया और एक अन्य को उसके हाथ पीछे की ओर बांधकर ले जाया गया.सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में कहा गया कि ये लोग संविदा के उल्लंघन का विरोध कर रहे थे.
कोरोना संक्रमण के कारण चीन में लंबे समय तक दुकानें एवं कार्यालय बंद रहे और लाखों लोगों को कई सप्ताह तक घरों में बंद रहना पड़ा. इन प्रतिबंधों से परेशान लोगों ने कुछ इलाकों में प्रदर्शन किए हैं. पिछले महीने हजारों कर्मचारी कोरोना के खिलाफ सुरक्षा के अपर्याप्त उपायों और बीमार पड़ने वाले सहकर्मियों को कोई मदद नहीं मिलने की शिकायतों के कारण ताइवान स्थित फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनी द्वारा संचालित कारखाना छोड़कर चले गए थे.
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