अहमदाबाद. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की चूक का मामला गुरुवार को सामने आया है. बताया जा रहा है कि गुजरात के अहमदाबाद स्थित बावला में पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे. इसी दौरान उनकी सुरक्षा में बड़ी चूक नजर आई. इस बीच सभा स्थल के पास वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए निजी फोटोग्राफर ने ड्रोन को उड़ाया. हालांकि, पुलिस और एसपीजी की नजर पड़ते ही सुरक्षाकर्मी भागने लगे. तत्काल प्रभाव से ड्रोन को एसपीजी ने नीचे उतार लिया.
मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम केश कालू भाई, निकुल रमेश भाई परमार, राजेश प्रजापति हैं. तीनों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस की चेतावनी के बाद ड्रोन को उतारा है. ड्रोन में किसी तरह का विस्फोटक नहीं था. वहीं, मामले में पुलिस ने पीएम की यात्रा के दौरान ‘नो ड्रोन फ्लाई जोन’ पर अधिसूचना का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है.
अहमदाबाद ग्रामीण के एक पुलिस कांस्टेबल अनूप सिंह भरतसंग ने सभा मैदान के पास मुख्य सड़क से माइक्रोड्रोन चलाने वाले कुछ व्यक्तियों की पहचान की. ड्रोन को चलाने वालों को पकड़ा और ड्रोन को नीचे उतारने के लिए कहा. तीनों लोगों ने ड्रोन को नीचे उतारा. बीडीडीएस टीम ने तुरंत ड्रोन की जांच की और पुष्टि की कि ड्रोन केवल फिल्म बनाने के लिए है और इसमें एक ऑपरेटिंग कैमरा था और इसमें कोई विस्फोटक या कोई अन्य हानिकारक वस्तु नहीं थी. आरोपियों के पास कोई प्रतिबंधित वस्तु नहीं मिली है और जब वे ड्रोन का संचालन कर रहे थे तब वे सभा की परिधि दीवार के बाहर थे.
पुलिस ने तीनों लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. तीनों आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वहां सामान्य फोटोग्राफी के लिए गए थे और उन्हें नहीं पता था कि इलाके में ड्रोन प्रतिबंधित हैं. व्यक्तियों का कोई पुलिस रिकॉर्ड या पिछला आपराधिक इतिहास नहीं है. वे ऐसे व्यक्ति हैं जो किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से जुड़े नहीं हैं.
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