सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान है-कालिका कवच

सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान है-कालिका कवच

प्रेषित समय :20:34:41 PM / Sun, Nov 27th, 2022

जिन देवी ने काल की गति को भी अपने वश में कर लेने के कारण कालिका नाम पाया है उन महाकाल की साम्राज्ञी ,परम अघोरा महाकाली के कवच का पाठ अपने साधक को इस मृत्युलोक के हर भय से मुक्त करके अदम्य साहस शक्ति प्रदान करने वाला है.महाकाली कवच का पाठ साधक के चारो ओर एक अभेद्य चुम्बकीय  आवरण का निर्माण कर देता है जिसे भेदकर कोई भी नकारात्मक शक्ति साधक को छू भी नहीं सकती है ,ऐसा कवच का वचन है.

चार भुजाओं को धारण करने और सभी देवियों में  अत्यंत भयंकर स्वरूप धारण करने वाली माँ महाकाली ने अपने एक हाथ में खड्ग व दूसरे में रक्तरंजित कटा सिर पकड़ रखा है तब भी अपने साधकों और भक्तों के लिए माता के समान वरदायिनी हैं.

ब्रह्म वैवर्त पुराण में महाकाली कवच की महिमा का बखान करते हुए भगवन महादेव श्रीमंत विष्णु से कहते हैं कि इस कवच को पूर्ण विश्वास से धारण करने वाला समस्त लोक परलोक में महाकाली के सुरक्षा को प्राप्त करता है. 

*अथ  महाकाली कवचं :---*

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कालिकायै स्वाहा मे पातु मस्तकम्.

क्लीं कपालं सदा पातु ह्रीं ह्रीं ह्रीं इति लोचने.

ॐ ह्रीं त्रिलोचने स्वाहा नासिकां मे सदाऽवतु.

क्लीं कालिके रक्ष रक्ष स्वाहा दंष्ट्रं सदाऽवतु.

क्लीं भद्रकालिके स्वाहा पातु मे अधरयुग्मकम्.

ॐ ह्रीं ह्रीं क्लीं कालिकायै स्वाहा कण्ठं सदाऽवतु.

ॐ ह्रीं कालिकायै स्वाहा कर्णयुग्मकं सदाऽवतु.

ॐ क्रीं क्रीं क्लीं काल्यै स्वाहा दंतं पातु माम् सदा मम्.

ॐ क्रीं भद्रकाल्यै स्वाहा मम वक्षः सदाऽवतु.

ॐ क्रीं कालिकायै स्वाहा मम नाभिं सदाऽवतु.

ॐ ह्रीं कालिकायै स्वाहा मम पृष्ठं सदाऽवतु.

रक्तबीजविनाशिन्यै स्वाहा हस्तौ सदाऽवतु.

ॐ ह्रीं क्लीं मुण्डमालिन्यै स्वाहा पादौ सदाऽवतु.

ॐ ह्रीं चामुण्डायै स्वाहा सर्वांगं मे सदाऽवतु.

*पाठ -विधि:-*

किसी भी चन्द्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण में महाकाली की पूर्ण श्रद्धा विश्वास से पूजन करके इस कवच का 108 बार पाठ करने पर इस अद्वितीय कवच की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
इस दिव्य कालिका कवचं के पाठ के अद्भुत प्रभाव प्राप्त होते हैं ----

1)).जो साधक इस अद्भुत वरदायी कालिका कवचं का प्रतिदिन 1 बार प्रातःकाल में पाठ करता है उसके सभी शत्रु नष्ट हो जाते हैं.
2)).प्रतिदिन 2  पाठ करने वाले साधक को समस्त भय  नष्ट होकर अपार संतोष की प्राप्ति होती है.
3)).जो साधक प्रतिदिन कालिका कवचं के पाठ का 3 बार जप  करते हैं उनकी सभी स्वास्थ्य समस्याएं नष्ट हो जाती हैं और निरोगी काया प्राप्त होती है.
4)). जो साधक कालिका कवचं का प्रतिदिन 4 बार  प्रातःकाल में और एक बार किसी भी यात्रा पर निकलने से पूर्व पाठ  करता है उसकी आकस्मिक दुर्घटना से महाकाली रक्षा करती हैं.
5)).जो साधक कालिका कवचं का 5 पाठ कर अभिमंत्रित जल का छिड़काव समस्त गृह में करते हैं महाकाली उनके ऊपर प्रयोग किये हुए हर काले जादू व बुरी शक्तियों का नाश कर देती हैं.
6)).कालिका कवचं के विधिपूर्वक 6 बार पाठ करने से साधक की सभी बुरे ग्रहों के असर से रक्षा होती है और समस्त ग्रह उसे सकारात्मक प्रभाव प्रदान करने लगते हैं.
7)).जो साधक पूर्ण मनोयोग से भगवती महाकाली के इस दिव्य कवच का  प्रतिदिन 7 बार पाठ करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं अतिशीघ्र पूर्ण हो जाती हैं 
  (शक्ति शक्तिगणपति ज्योतिषीय सहायता केंद्र)

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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