मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुवाहाटी में कामाख्या देवी के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। सीएम शिंदे के साथ ना सिर्फ शिंदे गुट के विधायक और सांसद हैं बल्कि वे निर्दलीय विधायक भी हैं जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत के वक्त शिंदे गुट का साथ दिया था और उनके साथ गुवाहाटी में डेरा जमाया था. लेकिन शिंदे समर्थक 6 विधायक कार्यक्रमों में व्यवस्तता की बात कर गुवाहाटी दौरे पर नहीं गए.
दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 2 करीबी लोग इस दौरे में शिंदे गुट के साथ हैं. इनमें से एक हैं बीजेपी नेता मोहित कंबोज और दूसरे रवींद्र चव्हाण. मोहित कंबोज तब भी शिंदे गुट के साथ सूरत में दिखे थे जब शिंदे गुट के विधायक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व से बगावत कर सूरत पहुंचे थे और बाद में वहां से गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए थे. एक बार फिर खासकर मोहित कंबोज का शिंदे गुट के साथ दिखाई देने पर महाराष्ट्र की राजनीति में क्या नया पक रहा है, यह जानने की लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है.
शिंदे गुट के साथ गुवाहाटी जाने की वजह बताते हुए बीजेपी विधायक रवींद्र चव्हाण ने बताया कि सीएम एकनाथ शिंदे ने मुझे कॉल कर बताया कि रवि हमें, गुवाहाटी देवी के दर्शन के लिए चलना है. मुख्यमंत्री का आदेश होने की वजह से मैं देवी के दर्शन के लिए जा रहा हूं. यह हिंदुत्ववादी विचारों की सरकार है. हमें कहीं ना कहीं अपने कामों में देवी-देवताओं के आशीर्वाद और कृपा की जरूरत पड़ती है. इसलिए सीएम शिंदे ने कहा कि कामाख्या देवी का दर्शन करने चलना है.
जो शिंदे समर्थक विधायक और सांसद दौरे पर नहीं गए हैं, उनमें चंद्रकांत पाटील, अब्दुल सत्तार, गुलाबराव पाटील, तानाजी सावंत, महेंद्र दलवी, संजय गायकवाड़ और सांसद श्रीरंग बारणे शामिल हैं. पिछले कुछ दिनों से सीएम शिंदे लगातार चर्चा का मुद्दा बनता रहा है. पिछले दिनों नासिक दौरे के दौरान बताया जा रहा है कि उन्होंने ज्योतिष से सलाह ली थी और अपने हाथ दिखाए थे. ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिनमें आत्मिश्वास नहीं होता है, वे ही ज्यादा ज्योतिष के चक्कर में पड़ते हैं. लेकिन याद रहे अघोरी विद्या के चक्कर में पड़ने वालों का अंत भी अघोरी जैसा भयंकर होता है.
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