रामपुर. रामपुर विधानसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी आसिम रजा के लिए आजम खान जमकर इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं. एक जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा कि सरकारें बहुत सी आईं, हमारी भी सरकारें आईं, लेकिन अमन था, शांति थी और मोहब्बत थी. हम तो यह जानते ही नहीं थे कि सरकारों का यह काम भी है कि घरों के दरवाजे तोड़ना है, औरतों के चेहरे पर थप्पड़ मारना है. आजम खान ने कहा, “हमने तो यह समझा था कि हम विधायक हो गए, सांसद हो गए और मंत्री हो गए तो हमें सड़के बनानी है, इमारतें बनानी है, पुलिया बनानी है, पेंशन करानी है, बेरोजगारों को रोजगार दिलवाना है, जिनके पास घर नहीं है, उन्हें घर दिलवाना है.
काश अगर हमें यह मालूम हुआ होता कि सरकारों का यह काम भी है तो मेरे अजीजों मेरे 50 साल के सियासी सफर और 4 बार के सियासी ताकत में मैं वह कर सकता था जो एक नई तारीख में दर्ज होता. यह हमारी बदकिस्मती नहीं है तो क्या है? कहा गया कि उसके दो पैन कार्ड हैं, लेकिन नहीं है. और कहा गया कि उसके दो पासपोर्ट भी है, लेकिन नहीं है. एक खारिज हुआ है तो दूसरा बना है. मैं चोर हूं, बकरी का डाकू हूं, भैंस का डाकू हूं, मुर्गो का डाकू हूं, फर्नीचर का डाकू हूं और किताबों का डाकू हूं.
आजम खान ने कहा कि मैं मेरी औलाद अपनी बेगुनाही अदालत के सामने साबित नहीं कर सकती. अस्पताल का सर्टिफिकेट साबित नहीं कर सकते, नगर निगम का भी साबित नही कर सके. सजा के दरवाजे पर खड़े हैं. जेल भी हमारा इंतजार कर रही हैं और जानते हो क्या सुलूक हमारे साथ हुए थे? शायद कोई दुश्मन के साथ भी ना करे, जो हमारे साथ हुए थे. जो किसानों के साथ बिजनौर में हुए थे, कब तक सहोगे? आज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है कि आजम खान का दाहिना हाथ कट कर गिर गया. ठेकेदार लोग चले गए, मालदार लोग चले गए, लेकिन वफादार लोग तो रह गए. ऐसे लोग कल भी नहीं चाहिए थे और आज भी नहीं चाहिए.
आठ बजे तक विधानसभा के स्पीकर ने उस सीट को वैकेंट दिखा दिया और घबराहट में विधानसभा सैंतीस के बजाए विधानसभा अड़तीस का ऐलान कर दिया. अगली सुबह इलेक्शन कमीशन ने चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी. किस बात की इतनी जल्दी थी? मेरी बर्बादी की इतनी जल्दी थी, ताकि मैं बेबस हो जाऊं? मेरे खाली हाथों में दे सको न ले सको मैं पार्लियामेंट की मेंबरशिप तुम्हारे लिए जीतकर लाया.
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