AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल ने मांगी माफी, हिंदू महिलाओं पर दिए बयान पर शर्मिंदा हैं

AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल ने मांगी माफी, हिंदू महिलाओं पर दिए बयान पर शर्मिंदा हैं

प्रेषित समय :12:23:27 PM / Sun, Dec 4th, 2022

गुवाहाटी. एआईयूडीएफ सुप्रीमो और असम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कथित रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है और कहा है कि वह इसकी वजह से पैदा हुए विवाद से ‘शर्मिंदा’ हैं. राज्य भर में उनके खिलाफ पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों को तोड़ा-मरोड़ा गया है और उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया है. अजमल के राजनीतिक विरोधियों ने उनकी टिप्पणी को गुजरात विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए और आरोप लगाया कि एआईयूडीएफ प्रमुख दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी को ‘बचाने’ के लिए बीजेपी लाइन का पालन कर रहे हैं, जो देश के इस पश्चिमी राज्य में सत्ता बनाए रखने की जुगत में है.

टीएमसी ने अजमल की विवादित टिप्पणी के पीछे भगवा पार्टी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए गुवाहाटी में उनका पुतला फूंका. हालांकि, भाजपा ने खुद को अजमल की टिप्पणी से दूर कर लिया, जिनकी पार्टी असम विधानसभा में विपक्ष में बैठती है. उन्होंने मध्य असम के होजई रेलवे स्टेशन पर संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने किसी व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया और न ही हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया. मैं किसी की भावनाएं आहत नहीं करना चाहता था. लेकिन यह एक मुद्दा बन गया और मुझे इसके लिए खेद है, मुझे इस पर शर्म आती है. मेरे जैसे वरिष्ठ व्यक्ति के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था.’ अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने को, धुबरी के सांसद ने कम करके आंका और कहा कि ‘मुकदमे राजनेताओं के ग्राफ को ऊपर की ओर धकेलते हैं.’

अजमल ने कहा, ‘कई हिंदू नेता रोजाना मुसलमानों के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन हमने उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है.’ उन्होंने कहा कि सभी के लिए समान विकास और अधिकार उनकी टिप्पणियों के मूल में थे, जिन्हें एक अलग स्वर दिया गया. अजमल ने शुक्रवार को एक मीडिया हाउस को दिए एक साक्षात्कार में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर कथित तौर पर ‘लव जिहाद’ पर की गई टिप्पणी की प्रतिक्रिया के रूप में ‘महिलाओं और हिंदू पुरुषों’ को लेकर विवादित बयान दिया था. AIDUF प्रमुख, जिन्हें असम में ‘मौलाना’ के नाम से संबोधित किया जाता है, ने कथित तौर पर मुसलमानों की तरह अधिक बच्चे पैदा करने के लिए हिंदुओं को कम उम्र में शादी करने की सलाह दिया था.  

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

Leave a Reply