मंगलवार हनुमान जी का वार माना जाता है. अगर मंगलवार के आप हनुमान जी के लिए बताये गए विशेष उपाय करेंगे तो आपके कुंडली में जो ग्रह दोष है उनका नाश होगा और आपको जो धन कार्यो में बाधा आती है उसका विनाश होगा, इससे आपकी घर में छिपी गरीबी दूर हो जाएगी. ज्योतिष कहते है की हनुमान जी शिव शंकर के अवतार है . अगर आप सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करते है तो शिवाजी, महा लक्ष्मी और सभी देवी देवता प्रसन्न हो जाते है और आपके घर में धन उन्नति होती है .
मंगलवार के इन उपायों से धन की कमी दूर होती है –
1. पीपल के 11 पत्ते लें और उन पर चन्दन से श्रीराम नम लिखें . सभी पत्तों पर राम नाम लिखने के बाद इनकी माला बनाएं और हनुमानजी को चढ़ाएँ .
2. हर मंगलवार हनुमानजी को सिंदूर, चमेली का तेल , लाल फुल चढ़ाये . इस उपाय से सभी परेशानियाँ दूर हो सकती है .
3. शिवलिंग पर लालपुष्प अर्पित करें . इससे मंगल घर के दोष दूर होते है . हनुमानजी के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें .
4. गेहूं के आटे में पानी डालकर गुंथे और उसके दीपक बनाएं . इसमें तेल डालें और रुई से बनी बत्ती रखें . दीपक हनुमानजी के सामने जलाएं .
5. लाल मसूर की डाल का दान करें . इस उपाय से मंगल घर के दोषों की शांति हो सकती है . मसूर की डाल शिवलिंग पर भी अर्पित कर सकते है .
6. हनुमानजी के सामने एक नारियल अपने सिर पर ७ बार वर लें . इसके बाद नारियल को फोड़ दें . भगवान को फुल-प्रसाद अर्पित करें .
7. ऐसें तालाब या सरोवर पर जाएँ, जंहा मछलियां हों . वहा पहुंचकर मछलियों को आते की मंगलवार को ये 7 उपाय होगा धन प्राप्ति में लाभगोलियां बनाकर खिलाएं .
मंगलवार को करें यह उपाय, बन जाएगा बिगड़ा काम
हनुमानजी भगवान शिव के अवतार हैं. हनुमानजी एक ऐसे देवता हैं जो थोड़ी सी प्रार्थना और पूजा से ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं. वो अष्ट सिद्धि और नौ निधियों के दाता हैं. अर्थात हनुमानजी को प्रसन्न कर आप धन, संपत्ति, विद्या, स्वास्थ्य, वैभव, संतान सभी कुछ प्राप्त कर सकते हैं. तो आइए जाने हनुमानजी को कैसे करें प्रसन्न.
हनुमानजी की आराधना की विधि
साम्रगी- एक चैकी, लाल कपड़ा, हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर, रोली, चावल, अगरबत्ती, ताजा बना भोजन, नारियल, गुड़-चना, गंगा जल, पुष्प, फल आदि.
1. सबसे पहले स्नान कर पूजन स्थल को साफ करें और उस पर चैकी बिछायें.
2. चैकी पर लाल कपड़ा अच्छी तरह बिछालें. चैकी के चारे ओर गंगाजल छिड़कें. उसके पश्चात हाथ धोलें.
3. भगवान गणेश से प्रार्थना करें कि वो आपकी इस हनुमान पूजा को सफल बनाएं.
4. अब हनुमान जी का चित्र स्थापित करें और घी का दीपक जलाएं व अगरबत्ती जलायें.
5. हनुमान जी को रोली-अक्षत से तिलक करके उनके समक्ष पुष्प, नारियल और सिंदूर अर्पित करें.
6. इसके पश्चात हनुमान जी को ताजा बना भोजन, शुद्ध जल, चना गुड़, और फल अर्पित करें तथा हनुमान जी से पार्थना करें कि अज्ञानवश जो कुछ भी गलती आपसे हो गई हो उसे क्षमा कर वो आपकी पूजा को स्वीकार करने विराजमान हों.
9. रूद्राक्ष की माला से हनुमान जी के मंत्र ”ऊँ हं हनुमते नमः“ का 108 बार जाप करें.
10. इसके अतिरिक्त आप हनुमानजी के निम्न मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
“ऊँ नमो भगवते आत्र्जनेयाय महाबलाय स्वाहा।”
रामायण की चैपाइयों से कीजिए अपने मनोरथ को पूर्ण
अब आप अपनी प्रार्थना को को हनुमानजी जी को बताते हुए रामायण की अपनी मनोरथ के अनुसार रामायण की निम्न चैपाइयों का जाप कर सकते हैं.
1. हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिएः-
“सुमिरि पवनसुत पावन नामू. अपने बस करि राखे रामू।।”
2. अपनी परेशानी को दूर करने के लिए
”संकट कटे मिटे सब पीरा. जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।“
3. नौकरी पाने के लिए/व्यापार में वृद्धि के लिए
विश्व भरण पोषण कर जोई. ताकर नाम भरत अस होई।।
4. शिक्षा में सफलता के लिए,
बुद्धिहीन तनु जानि के सुमिरो पवन कुमार.
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार।।
5. मुकदमे में विजय प्राप्त करने के लिए,
पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि बिबेक बिग्यान निधाना।।
6. रोग दूर करने के लिए,
लाय संजीवन लखन जियाय. श्री रघुवीर हरषि उर लाए।।
7. टोटकों से बचने के लिए,
भूत पिशाच निकट नहीं आवे. महावीर जब नाम सुनावै।।
8. राजपद प्राप्त करने के लिए,
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा. राम मिलाय राजपद दीन्हा।।
9.सभी कार्य में सफलता के लिए,
अतुलित बल धामं हेम शैलाभदेहं, दनुज वनकृशानुं ज्ञानिनामग्रण्यम.
सकल गुण निधानं वानराणम धीशं, रघुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि।।
अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए उससे संबंधित चैपाई का 108 बार जाप करें और उसके बाद कम से कम 21 दिन तक यह क्रिया दोहरायें. ऐसा करने से पवनपुत्र प्रसन्न होकर आपको आपकी मनोरथ पूर्ण होने का वरदान देते हैं.
हनुमानजी के किस स्वरूप की पूजा से मिलता है क्या लाभ?
कलियुग में हनुमानजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं. हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूपों की कई प्रतिमाएं और चित्र आसानी से देखे जा सकते हैं. शास्त्रों में अनुसार इनके अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने पर अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है. जानिए हनुमानजी के विभिन्न स्वरूप और उनकी पूजा से मिलने वाले शुभ फल
1. भक्त हनुमान
इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की भक्ति में लीन दिखाई देते हैं. जो लोग इस स्वरूप की पूजा करते हैं, उन्हें कार्यों में सफलता पाने के लिए एकाग्रता और शक्ति प्राप्त होती है. लक्ष्यों को प्राप्त करने में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं.
2. सेवक हनुमान
बजरंग बली के इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की सेवा में लीन दिखाई देते हैं. इस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त के मन में कार्य और रिश्तों के प्रति सेवा और समर्पण की भावना जागृत होती है. व्यक्ति को परिवार और कार्य स्थल पर सभी बड़े लोगों का विशेष स्नेह प्राप्त होता है.
3. वीर हनुमान
वीर हनुमान स्वरूप में साहस, बल, पराक्रम व आत्मविश्वास दिखाई देता है. हनुमानजी अपने साहस और पराक्रम से कई राक्षसों को नष्ट किया और श्रीराम के काज संवारें. वीर हनुमान की पूजा से भक्त को भी साहस की प्राप्ति होती है.
4. सूर्यमुखी हनुमान
सूर्य देव हनुमानजी के गुरु हैं. सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है. सूर्य और सूर्य का प्रकाश, गति और ज्ञान के भी प्रतीक हैं. जिस तस्वीर में हनुमानजी सूर्य की उपासना कर रहे हैं या सूर्य की ओर देख रहे हैं, उस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त को भी ज्ञान और कार्यों में गति प्राप्त होती है. सूर्यमुखी हनुमान की पूजा से विद्या, प्रसिद्धि, उन्नति और मान-सम्मान प्राप्त होता है.
5. दक्षिणामुखी हनुमान
हनुमानजी की वह प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, वह हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप है. दक्षिण दिशा काल यानी यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी जाती है. हनुमानजी रुद्र (शिवजी) अवतार माने जाते हैं, जो काल के नियंत्रक हैं. इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की पूजा करने पर मृत्यु भय और चिंताएं समाप्त होती हैं.
6. उत्तरामुखी हनुमान
देवी-देवताओं की दिशा उत्तर मानी गई है. इसी दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास है. हनुमानजी की जिस प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा की ओर है, वह हनुमानजी का उत्तरामुखी स्वरूप है. इस स्वरूप की पूजा करने पर सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है. घर-परिवार में शुभ और मंगल वातावरण रहता है.mantrasadhnaparashmuni.blogspot.com
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