जयपुर. राजस्थान के भीलवाड़ा जिला माइनिंग क्षेत्र के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया है. अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा के कोटडी तहसील के चांदगढ़ में आयरन ओर (लोह अयस्क) के एक्सप्लोरेशन के दौरान (तांबा) कॉपर के भण्डार मिलने के अच्छे संकेत मिले हैं. विभाग द्वारा आरएसएमईटी के माध्यम से भीलवाड़ा के कोटडी के चांदगढ़ गांव में आयरन ओर के लिए 3500 मीटर ड्रिलिंग का कार्य करवाया जा रहा है. एक्सप्लोरेशन के शुरुआती दौर में ही आयरन ओर के साथ ही कॉपर के भण्डार मिलने के संकेत मिले हैं.
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों की अनुपालना में विभाग द्वारा राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट के वित्तीय व तकनीकी सहयोग से एक्सप्लोरेशन गतिविधियों में तेजी लाने का निर्णय किया गया है. माइंस मंत्री प्रमोद जैन भाया भी माइनिंग संभावित क्षेत्रों में एक्सप्लोरेशन कार्य पर जोर दिया जाता रहा है.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा गत 22 अगस्त को भीलवाड़ा के चांदगढ़ में आयरन ओर के 3500 मीटर ड्रिलिंग का कार्य आरंभ करवाया गया जिसमें अधिकतम 100 मीटर गहराई के 35 बोर होल्स कार्य प्रगतिरत है. ड्रिलिंग के दौरान अभी तक 3 बोरहोल्स में तांबा व आयरन ओर इन्टसेक्ट हुआ है. राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट द्वारा करवाये जा रहे ड्रिलिंग से क्षेत्र में स्टेªटेजिक मिनरल मिलना एक बड़ी उपलब्धि के रुप में देखा जा रहा है. अभी तक की गई कोर ड्रिलिंग के कोर के अध्ययन से क्षेत्र में खनिज तांबा व आयरन ओर के प्रचुर भण्डार की विपुल संभावनाएं है. शुरूवाती अंवेषण व कोर ड्रिलिंग से मामूली गहराई 5-6 मीटर, 20-25 मीटर और 55-60 मीटर गहराई पर ही आयरन ओर के साथ ही तांबे के भण्डार के नमूने मिलना अच्छे संकेत के रुप में देखा जा रहा है.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में लगभग 1.5 किमी से 2 किमी लंबाई व लगभग 250 मीटर से 300 मीटर की चौड़ाई क्षेत्र में कॉपर खनिज की संभावना है, साथ ही क्षेत्र में 500 मीटर से 700 मीटर की गहराई पर छिद्रण कार्य किए जाने से खनिज कॉपर के वृहद भण्डार मिलने की पूर्ण संभावना है. कॉपर हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली मुख्य धातु है. विद्युत सुचालक होने के कारण इसका मुख्य उपयोग विद्युत उपकरण एवं विद्युत उद्योग में किया जाता है तथा मिश्रधातु के रूप में इसका उपयोग पीतल, कांसा तथा स्टेनलेस स्टील बनाने में प्रमुखता से किया जाता है.
निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि देश में सर्वाधिक लगभग 54 प्रतिशत कॉपर के भण्डार राजस्थान में हैं. राजस्थान के बाद झारखण्ड तथा मध्यप्रदेश स्थान आता है. उन्होंने बताया कि भीलवाड़़ा में आयरन ओर के साथ कॉपर के डिपोजिट मिलने की संकेत से आशा का संचार हुआ है.
निदेशक श्री नायक ने बताया कि राज्य में कॉपर मुख्यतः झुंझुनू के खेतड़ी में पाया जाता है, इसके अतिरिक्त झुंझुनूं के ही मदान-कुदान-कोलिहान, बनवास अकवाली, सिंघाना-मुरादपुर, देवपुरा- बनेरा बेल्ट भीलवाड़ा, डेरी-बसंतगढ़ सिरोही, खो-दरिबा खेड़ा, मुण्डियावास अलवर एवं अंजनी, बेडावल चाटी-मानपुरा जिला उदयपुर में भी कॉपर के भण्डार पाये गए हैं.
आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी एनपी सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में साइन्टिफिक व आधुनिक तकनीक से अन्वेषण कार्य तथा ओर अधिक गहराई में ड्रिलिंग कराये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर लिये गये है, जिससे खनिज तांबा व आयरन ओर के प्रचुर भण्डार सुनिश्चित किये जा सकें.
राज्य के पेंशनर्स को राहत…. अब 18 दिसम्बर तक दे सकेंगे आयकर में छूट हेतु निवेश की सूचना
राज्य के पेंशनर्स अब 18 दिसम्बर तक अपने आयकर में छूट हेतु निवेश की सूचना दे सकेंगे. पूर्व में 30 नवम्बर तक पेंशनर्स को उनकी आयकर में छूट दिए जाने संबंधी निवेश की सूचना वेबसाइट पर प्रस्तुत करने की सुविधा दी गई थी. अनेक पेंशनर्स द्वारा उक्त समयावधि को बढ़ाने के लिए की गई मांग को ध्यान में रखते हुए पेंशन विभाग द्वारा राजस्थान सिविल पेंशनर्स के लिए यह सूचना प्रस्तुत कराने की अवधि अब 18 दिसम्बर तक बढ़ा दी है.
पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर निदेशालय के निदेशक संजय सोलंकी ने बताया कि सूचना प्रस्तुत करने के लिए सभी पेंशनर्स IFPMS या https://pension.raj.nic.in टाईप कर पेंशन विभाग की वेबसाइट पर जाकर पेंशन सर्विसेज के अन्दर पेंशनर लॉगिन पर क्लिक करके उसमें लॉगिन के नीचे "न्यू रजिस्ट्रेशन कॉलम पर क्लिक करें और वहां सूचना को पूर्ण रूप से भरते हुए स्वयं के यूजर आईडी और पासवर्ड बना लें. जिन लोगों ने पूर्व में पासवर्ड एवं आईडी बना ली है वे सीधे लॉगिन यूजिंग यूजर आईडी से लॉगिन करके "टैक्स डिक्लेरेशन में जाकर अपने आयकर निवेश संबंधी सूचना का विवरण प्रस्तुत कर सकेंगे.
उक्त सूचना निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत नहीं करने पर नियमानुसार बाय-डिफॉल्ट ओल्ड रिजीम में मानते हुए गणना कर टीडीएस की कटौती कर दी जायेगी.
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