विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, शीतकालीन सत्र में इन मुद्दों पर चर्चा की मांग

विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, शीतकालीन सत्र में इन मुद्दों पर चर्चा की मांग

प्रेषित समय :17:52:53 PM / Tue, Dec 6th, 2022

नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार 6 दिसम्बर को संसद परिसर में सर्वदलीय बैठक हुई.

बैठक में कांग्रेस और टीएमसी ने बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. कांग्रेस ने ईसीआई और ईडब्ल्यूएस कोटा की जल्दबाजी में नियुक्ति का भी मुद्दा उठाया. कांग्रेस ने मौजूदा सरकार द्वारा मूल्य वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया. पार्टियों ने विपक्ष को और समय दिए जाने की भी मांग की और कहा कि उनकी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए.

अन्य प्रमुख दलों ने उठाए ये मामले

बीजू जनता दल ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा की आवश्यकता को उठाया. कई अन्य दलों ने इसका समर्थन किया. पार्टी की ओर से कहा गया कि कॉलेजियम प्रणाली जैसे मुद्दों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए. इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा के लिए बीजद ने मांग की.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले हेमंत पाटिल ने भी मांग की है कि सरकार जनसंख्या को विनियमित करने के लिए एक विधेयक पर विचार करे और लाए जो भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है. वाईएसआर कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि का मुद्दा उठाया, खासकर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने की जरूरत को.
शिरोमणि अकाली दल का प्रतिनिधित्व करने वाली हरसिमरत कौर बादल ने मांग की कि पंजाब के बाहर हो रहे अपराध के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने मांग की कि नशीले पदार्थों की आपूर्ति और खपत में वृद्धि पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भी चर्चा हो. बादल ने मांग की कि समिति किसी नतीजे पर पहुंचे और केंद्र सरकार के वादे के मुताबिक किसानों को एमएसपी मुहैया कराए.

केंद्र सरकार बोली- हम बहस को तैयार

विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की मांग को लेकर सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार नियमानुसार और सभापीठ की सलाह के अनुसार सभी मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए तैयार है.

कांग्रेस पार्टी सहित कई विपक्षी दलों ने कहा कि सत्र की तारीखों की घोषणा करने से पहले त्योहार की अवधि पर विचार करना जरूरी है. कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हमें अपने ईसाई भाइयों और बहनों की भावनाओं पर विचार करना चाहिए, जिस तरह से हम हिंदू और मुस्लिम त्योहार मनाते हैं. सरकार को सत्र की तारीखों की घोषणा करने से पहले आगामी क्रिसमस महोत्सव की तारीखों पर विचार करना चाहिए था.

जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, हमने सत्र की तारीखों की घोषणा करने से पहले और क्रिसमस के दौरान सभी विचार किए हैं, यह एक वीकेंड है, इसलिए संसद कार्य नहीं करेगी. बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा और 29 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 17 कार्य दिवस होंगे.

सर्वदलीय बैठक में ये नेता रहे मौजूद

सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, एमओएस संसदीय कार्य मुरलीधरन और अर्जुन राम मेघवाल के साथ सदन के नेता पीयूष गोयल बैठक में शामिल हुए. कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी से सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके से तिरुचि शिवा और टीआर बालू, लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति पारस, एनसीपी से वंदना चव्हाण, नेशनल कॉन्फ्रेंस से डॉ फारूक अब्दुल्ला समेत शीर्ष विपक्षी नेता भाकपा के विश्वम बैठक में मौजूद थे.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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