झारखंड: प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नेताओं ने खोला मोर्चा, बिखर रहे कांग्रेसी

झारखंड: प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ नेताओं ने खोला मोर्चा, बिखर रहे कांग्रेसी

प्रेषित समय :12:29:46 PM / Fri, Dec 16th, 2022

राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले है़ं लोगों को कांग्रेस से जोड़ने का प्रयास कर रहे है़ं लेकिन झारखंड में कांग्रेसी ही आपस में नहीं जुड़ पा रहे है़ं प्रदेश कांग्रेसी बिखरे है़ं प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और राजेश ठाकुर के खिलाफ पार्टी के नेताओं ने बागी तेवर अपना रखे है़ं सड़क पर उतरे है़.

प्रदेश कमेटी गठित किये जाने और जिलाध्यक्षों के चयन के बाद कांग्रेस में विरोध के स्वर लगातार सामने आ रहे हैं. जिलाध्यक्षों को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल रखा है़ विधायक व जिलाध्यक्ष आमने-सामने हैं. संगठन में पद के कब्जे की लड़ाई सड़क पर लड़ी जा रही है़ जामताड़ा में विधायक इरफान अंसारी और जिलाध्यक्ष के समर्थक प्रदेश अध्यक्ष के सामने ही आपस में भिड़ गये़ दोनों के समर्थकों में धक्का-मुक्की हुई़ साहेबगंज में जिलाध्यक्ष के चयन के खिलाफ कांग्रेसी कार्यकर्ता लगातार धरना पर बैठे है़ं इधर प्रदेश कमेटी में जिन नेताओं को जगह नहीं मिली है, वे लोग मोर्चा खोल रखे हैं..

बोर्ड-निगम के गठन की सुगबुगाइट हुई है़ प्रदेश के बड़े नेताओं को कमेटी में जगह नहीं मिली है, उनके बोर्ड-निगम में आने की चर्चा है़ इसको लेकर भी पार्टी के दूसरे नेताओं में नाराजगी है़ कई नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व से शिकायत की है़ बोर्ड-निगम बंटा, तो पार्टी के सर फुटव्वल होना तय हैं

पार्टी ने संगठन व नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी या प्रदर्शन करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है, लेकिन सब आइवॉश है. नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होती है़ पिछले दिनों अनुशासन समिति की बैठक हुई़ मामला समिति के सामने आया, लेकिन हिदायत देने की औपचारिकता पूरी गयी.

प्रदेश कांग्रेस में विवाद गहराया हुआ है, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व चुप है़ प्रभारी अविनाश पांडेय की ओर से प्रदेश नेतृत्व को अब तक कोई निर्देश नहीं आया है़ प्रदेश के स्तर से ही क्राइसिस मैनेजमेंट किये जा रहे है़ं विधायकों व जिलाध्यक्षों में तालमेल बैठाने की कोशिश हो रही है़ हालांकि ज्यादातर जिलों में विधायकों ने अपने पसंद के जिलाध्यक्ष बनवाये हैं

संगठन में नयी कमेटी या जिलाध्यक्षो को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं है़ पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह है़ अनुभवी और काम करने वाले कार्यकर्ताओं व नेताओं को जगह दी गयी है़ केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय से पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता बंधे है़ं अनुशासन से पार्टी समझौता नहीं कर सकती है़ संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है़ कांग्रेस देशभर में राहुल गांधी के नेतृत्व में बड़ी लड़ाई लड़ रही है़ केंद्रीय नेतृत्व ने जो कार्यक्रम दिये हैं, उसमें सभी कार्यकर्ताओं को जुटना है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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