राजस्थान बीजेपी में सीएम फेस को लेकर जारी विवाद के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहली बार मीडिया के सामने चुप्पी तोड़ी. राजे ने मीडिया से कहा कि बीजेपी में जो भी फैसला होगा वो ठीक ही होगा. पार्टी सामूहिक निर्णय करेगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता अब तक कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त थे. अब सबका ध्यान राजस्थान पर जाएगा. हम सब मिलकर बेहतर फैसला करेंगे. वसुंधरा राजे ने भरोसा जताया कि बीजेपी भारी बहुमत से प्रदेश की सत्ता में लौटेगी.
वसुंधरा राजे के इस बयान के पीछे उनका आलाकमान पर भरोसा माना जा रहा है. राजे को यकीन है कि राजस्थान बीजेपी में जिस तरह के हालात हैं उससे उनकी स्थिति अन्य नेताओं से किसी भी मामले में कम नहीं हैं. उनका अब भी बड़ा जनाधार है. ऐसे दौर में जब बीजेपी के कई नेता आपस में ही रेस में आगे निकलने की होड़ में जुटे हैं तो राजे को लगता है कि लगातार उपचुनावों की हार भी उनके पक्ष में ही जाएगी.
मीडिया से बातचीत में वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर राजस्थान को विकास के मामले में पीछे धकेलने के आरोप लगाए. राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने राजस्थान को बीमारू प्रदेशों की श्रेणी से बाहर निकालकर बेहतर स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया था. लेकिन कांग्रेस सरकार के नेताओं की आपसी लड़ाई में राजस्थान का विकास ठप हो गया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की योजनाएं या तो बंद कर दी गई या फिर उनके नाम बदल दिए गए. पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात बदतर हैं. गैंगवार की घटनाएं सामान्य बात हो गई है.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने बेवजह ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट पर विवाद खड़े करके इसके आगे बढ़ने की दिशा में रोड़े अटका दिए हैं. वसुंधरा राजे ने कहा कि ईआरसीपी पर मिल बैठकर समाधान निकालने की जरूरत थी. लेकिन गहलोत सरकार इस दिशा में प्रयास नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि इस सरकार को जश्न मनाने का कोई हक नहीं है. गहलोत सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे जनता को फायदा पहुंचा हो. ये सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है. उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार को 18 दिसंबर को चार साल पूरे हो रहे हैं। सरकार इसका जश्न मनाने की तैयारियां कर रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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