देहरादून. उत्तराखंड के जोशीमठ शहर के मकानों में पड़ रही दरारों ने वहां के लोगों के साथ सरकार की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं. अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है. प्रशासन वहां रह रहे परिवारों को शिफ्ट करा रहा है. जमीन से निकल रहा पानी खेतों तक पहुंच रहा है. इस आपदा पर वहां के साधु-संतों ने भी चिंता जताई है. वहीं, मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है. इससे निचले क्षेत्र के भवनों में रह रहे लोग भी चिंतित हो गए हैं. सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और कई सरकारी भवनों में भी दरारें आ गई हैं. मारवाड़ी वार्ड में जेपी कंपनी के 50 आवासीय भवनों में दरारें आ गई हैं. इसको देखते हुए बुधवार को जेपी कंपनी ने सभी मकानों को खाली करा लिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
बाजार बंद करने का ऐलान
वहीं, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने आज बाजार बंद करने का ऐलान किया है. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती ने बताया कि चक्का जाम किया जाएगा. बताया जा रहा है कि आपदा से निपटने में सरकार की लापरवाही को लेकर लोगों ने मशाल जलूस भी निकाला. लोग सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं, जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष का आरोप है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी बात ठीक से नहीं सुनी. जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार और सचिव कमल रतूड़ी के मुताबिक, वो हाल ही में सीएम से मिले थे. लेकिन, सीएम के पास समय नहीं था. सीएम के दरबार में अपनी समस्या को लेकर गए थे. लेकिन, सीएम ने उनकी बात 40 सेकेंड तक ही सुनी और कह दिया कि उन्होंने आदेश दे दिया है.
वार्ड के कई स्थानों से पानी निकल रहा है.नगर के सभी नौ वार्ड इस प्राकृतिक आपदा के चपेट में आ गए हैं. नृसिंह मंदिर, मनोहर बाग, सिंहधार, परसारी, रविग्राम, सुनील, अपर बाजार, मारवाड़ी और गांधी नगर वार्ड के कई मकानों में दरारें आनी शुरू हो गई हैं. यहां से जिला प्रशासन ने करीब 16 प्रभावितों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है.
अधिकारियों ने बताया कि जेपी कंपनी के परिसर में चल रहे पोस्ट ऑफिस को भी दूसरी जगह ले जाया गया है. यह पोस्ट ऑफिस जोशीमठ का मुख्य डाकघर है. ज्योतिर्मठ परिसर के भवनों में भी दरारें आ गई हैं. लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें आई हैं. ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद के मुताबिक, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में भी दरारें पड़ी हैं. वहीं, इस मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी भू-धंसाव पर चिंता जताई है. वहीं, प्रशासन ने भू-धंसाव को लेकर कंट्रोल रुम स्थापित किया है. जिसका फोन नंबर है- 8171748602 .प्रभावित परिवार इस हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके मदद मांग सकते हैं. वहीं, औली रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है. जोशीमठ में लगातार घरों में पड़ रही दरारों की वजह से वहां के स्थानीय लोग काफी डरे हुए हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा की जाए.
चमोली जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार को जोशीमठ के उन हिस्सों का दौरा किया जहां मकानों में दरारें आ गई हैं और उन्होंने शहर के धीरे-धीरे डूबने की आशंका के मद्देनजर लोगों को मदद का आश्वासन दिया.भूवैज्ञानिकों, राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ), अग्निशमन सेवा और स्थानीय पुलिस की टीम के साथ चमोली के अपर जिलाधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक ने मारवाड़ी, मनोहर बाग और सिंहधार वार्ड में स्थित घरों और भूमि का वहां जाकर निरीक्षण किया। अधिकारियों ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. (भाषा के इनपुट के साथ)
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
Leave a Reply