डायबिटीज के मरीज डाइट में करें ये 3 बदलाव, एनर्जी भी बढ़ेगी

डायबिटीज के मरीज डाइट में करें ये 3 बदलाव, एनर्जी भी बढ़ेगी

प्रेषित समय :11:01:18 AM / Sat, Jan 7th, 2023

अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो आपके लिए अपनी डाइट का खास ख्याल रखना जरूरी है. डायबिटीज के लिए वेजिटेरियन प्लान में बहुत से प्लांट-बेस्ड प्रोटीन को शामिल करना चाहिए. इसके साथ ही फाइबर न्यूट्रिएंट्स को लेना भी जरूरी है ताकि ब्लड शुगर लेवल और एनर्जी लेवल सही रहे.

टाइप 2 डायबिटीज के नॉन-वेजिटेरियन रोगियों के लिए, शाकाहारी आहार का पालन करना थोड़ा मुश्किल लग सकता है क्योंकि मीट, फिश जैसे एनिमल प्रोडक्ट्स के अलावा प्रोटीन विकल्प सीमित हो सकते हैं. ब्लड शुगर बैलेंस रखने के लिए क्वालिटी फाइबर कार्बोहाइड्रेट चॉइस को लेना जरूरी है. जबकि, हर एक मील में सॉलिड प्रोटीन को शामिल करना चाहिए. जानिए वेजिटेरियन डायबिटीज पेशेंट्स डाइट प्लानिंग में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

वेजिटेरियन डाइट ज्यादा फायदेमंद?
मायो क्लिनिक के अनुसार वेजिटेरियन डाइट लेना डायबिटीज का इलाज नहीं है, लेकिन नॉन-वेजिटेरियन डाइट के मुकाबले इसके कई लाभ हो सकते हैं. वेजिटेरियन डायबिटीज पेशेंट्स को डाइट प्लानिंग में हेल्दी चीजों का शामिल करना चाहिए, ताकि ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे और कोई कॉम्प्लिकेशन न हो.

पर्याप्त प्रोटीन लें- जब बात डायबिटीज की आती है, तो प्रोटीन एक जरूरी न्यूट्रिएंट है. यह इम्युनिटी को बूस्ट करता है, डायजेशन सही रहने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर को रेगुलेट रखने में मदद मिलती है. आमतौर पर जब हम प्रोटीन के बारे में बात करते हैं, तो वेजिटेरियन फूड में बीन्स, नट्स, सीड्स, होल ग्रेन जैसे क्विनोआ, जौ आदि को शामिल किया जा सकता है.

पर्याप्त गुड फैट्स लें– कुछ स्टडीज बताती हैं कि वेजिटेरियन डाइट को फॉलो करने वाले लोगों में बैड कोलेस्ट्रॉल में कमी देखी गयी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि वेजिटेरियन डाइट पॉलीसेचुरेटेड एन-6 फैटी एसिड्स, फाइबर और प्लांट स्टेरोल्स और सैचुरेटेड फैट में लो होती है. इसके लिए आप अपनी डाइट में फ्लेक्ससीड, अखरोट, केनोला आयल और सोया आदि ले सकते हैं.

हाई फाइबर कार्बोहाइड्रेट्स- ऐसा देखा गया है कि वेजिटेरियन, नॉन वेजिटेरियन लोगों कि तुलना में अधिक फाइबर लेते हैं. हाई फाइबर डाइट ब्लड शुगर को रेगुलेट करने, कोलेस्ट्रॉल को लो रखने आदि में मददगार है. फलियों और साबुत अनाज में धीरे-धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं और यह फाइबर से भरपूर होते हैं, जिससे ग्लाइसेमिक कंट्रोल में सुधार करने में मदद मिलती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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