नई दिल्ली. उत्तराखंड के जोशीमठ के अलावा भू धंसाव की वजह से अब गांधीनगर और पालिका मारवाड़ी में बने मकानों में भी दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं. अधिकारियों के मुताबिक, गांधीनगर के 134 और पालिका मारवाड़ी के 35 मकानों में दरारें आ गई हैं. वहीं,लोअर बाजार के 34, सिंघधार के 88 , मनोहरबाग के 112 ,अपर बाजार के 40, सुनील ग्राम के 64,परसारी के 55 और रविग्राम के 161 मकान भी असुरक्षित जोन में आ गए हैं. बताया जा रहा है कि जोशीमठ में भू धंसाव की वजह से अबतक 723 घरों में दरारें आई हैं. आज असुरक्षित होटलों और मकानों को गिराया जाएगा.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस संधू ने एनसीएमसी को वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है तथा राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजा एवं राहत उपाय प्रदान किए जा रहे हैं.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने समिति को बताया कि सीमा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम वर्तमान में स्थिति के आकलन के लिए जोशीमठ में है केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कस्बे के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए जनहित में विध्वंस की कार्रवाई की जा रही है.
मुख्य सचिव संधू ने सोमवार को जोशीमठ के उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में स्थित इमारतों को गिराने तथा प्रभावित लोगों की त्वरित निकासी का आदेश देते हुए कहा था कि एक-एक मिनट महत्वपूर्ण है.अधिकारियों ने सोमवार को कहा था कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित कस्बे की जनता के लिए एक राहत पैकेज पर काम कर रही है जिसका प्रस्ताव जल्द केंद्र को भेजा जाएगा.जोशीमठ में घरों और अन्य इमारतों, सड़कों तथा जमीन पर दरारें सामने आने के बाद इसे भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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