देहरादून. जोशीमठ में भू धंसाव और मकानों में दरार का संकट अभी खत्म नहीं हुई कि नया संकट टिहरी गढ़वाल में खड़ा हो गया है. अब यहां भी मकानों में दरार और भू धंसाव की घटनाएं सामने आई हैं. हालात को देखते हुए स्थानीय लोगों में इस कदर दहशत है कि कई परिवारों ने अपने मकान छोड़ कर सुरक्षित ठिकाने पर पनाह ली है. वहीं बाकी लोगों ने समय रहते सरकार से राहत कार्य शुरू करने की गुहार की है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक टिहरी झील से लगते उन गांवों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं जहां से चंबा टनल गुजर रही है. इन घटनाओं से दो दर्जन से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं. लोगों ने खतरे की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और सरकार से समय रहते आवश्यक कार्यवाही की मांग की है. यहां भी मकानों में दरार के लिए लोगों ने चंबल टनल को जिम्मेदार बताया है. कहा कि ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत बने 440 मीटर लंबे टनल के निर्माण के बाद इस तरह की दिक्कत पैदा हुई है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक मकानों में दरार तो चंबल बनने के समय ही आने लगे थे. इसको लेकर सर्वे भी हुआ था. सर्वे का परिणाम जानने के बाद भी सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया. स्थानीय निवासी दीपक तिवारी कहते हैं कि हालात को देखते हुए वह अपनी जगह छोड़ कर किराए पर रहने को मजबूर हैं. यदि सरकार की उदासीनता इसी प्रकार बनी रही तो यह स्थान भी अगला जोशीमठ बन जाएगा. स्थानीय लोगों के मुताबिक उनके घर टनल से महज तीन से चार मीटर की ही दूरी पर हैं, मकानों में दरारें आ चुकी हैं. इसके चलते सीवरेज सिस्टम पहले ही ठप हो चुका है. इसके चलते कई लोगों ने अपने घरों की मरम्मत कराई. लेकिन खतरा जस का तस बना हुआ है.
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