पटना. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की ओर से रामचरितमानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया है. इस पर अयोध्या के संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है. परमहंस आचार्य ने कहा है कि मंत्री को पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए. साथ ही चंद्रशेखर को इस तरीके के विवादित बयान पर माफी मांगने को कहा है.
परमहंस आचार्य ने कहा कि माफी नहीं मांगने पर जो भी चंद्रशेखर की जीभ काटकर लाएगा, उसे 10 करोड़ का इनाम दिया जाएगा. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है. उन्होंने कहा है कि मनु स्मृति, रामचरितमानस और आरएसएस के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवरकर के बंच ऑफ थॉट्स समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं. उन्होंने ये बयान नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान दिया है.
यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए चंद्रशेखर ने कहा कि तीनों किताबों ने समाज में नफरत फैलाई है. आरजेडी नेता ने रामचरितमानस की आलोचना करते हुए कहा कि यह किताब निचली जातियों के लोगों को शिक्षा से वंचित करने की बात करती है. उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर ने भी दावा किया था कि तीनों पुस्तकें समाज में नफरत फैलाती हैं.
कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री ने कहा, मनु स्मृति ने समाज के 85 प्रतिशत लोगों को गाली दी है. रामचरितमानस में कहा गया है कि निचली जातियों को शिक्षा का अधिकार नहीं है. बताया गया है कि निचली जाति के लोग शिक्षा प्राप्त करने के बाद सांप के समान जहरीले हो जाते हैं. जैसे कि सांप दूध पीने के बाद और अधिक जहरीला हो जाता है.
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