नई दिल्ली. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया है. शरद यादव ने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी कि… पापा नहीं रहे. यादव ने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली. बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले शरद यादव का इस तरह से चला जाना हर किसी को अखर रहा है. उनकी समाजवाद वाली राजनीति ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया था. उनके निधन पर पीएम मोदी समेत कई दिग्गजों ने शोक जताया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि श्री शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया. वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजोकर रखूंगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. शांति. दरअसल, शरद यादव पहली बार जबलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. शरद यादव तब जबलपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे, उन्होंने जेल में रहकर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. उन्हें जयप्रकाश नारायण की पहल पर सभी विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार बनाया गया था. उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़े सेठ गोविंद दास के बेटे रविमोहन दास को हराया था.
शरद यादव 75 साल के थे. उन्हें गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने 12 जनवरी को अंतिम सांस ली. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी दुख जताया है और ट्वीट किया है कि देश की समाजवादी धारा के वरिष्ठ नेता, जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष, श्री शरद यादव जी के निधन से दुःखी हूँ. एक पूर्व केंद्रीय मंत्री व दशकों तक एक उत्कृष्ट सांसद के तौर पर देश सेवा का कार्य कर,उन्होंने समानता की राजनीति को मजबूत किया. उनके परिवार एवं समर्थकों को मेरी गहरी संवेदनाएँ.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया कि मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ. कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ. माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई. दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा कि समाजवादी विचारधारा के पुरोधा और हमारे समय के सबसे सुलझे नेताओं में से एक शरद यादव जी का जाना अत्यंत दुखद खबर है. वे मेरे राजनीतिक अभिभावक थे. मैंने सामाजिक न्याय का पाठ उनसे ही सीखा. ईश्वर उनके परिजनों को दुख की यह घड़ी सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि आदरणीय शरद यादव जी ने अपना संपूर्ण जीवन देश और समाज की सेवा में व्यतीत किया. वे अपने कार्यों एवं विचारों के रूप में सदैव आमजन के हृदय में जीवित रहेंगे. विनम्र श्रद्धांजलि! ।। ॐ शांति ।। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि महान समाजवादी नेता आदरणीय श्री शरद यादव जी का निधन अत्यंत हृदय विदारक है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के शरद यादव के निधन पर बयान जारी कर कहा कि यादव को अचेत अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था. स्वास्थ्य जांच के दौरान, उनकी नाड़ी नहीं चल रही थी या रक्तचाप दर्ज नहीं किया गया. उपचार के सभी प्रयास नाकाम रहे. रात 10.19 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
1 जुलाई 1947 को उनका जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में हुआ था. वो पहली बार 1974 में लोकसभा के सदस्य बने. 7 बार लोकसभा सांसद रहे. वो केंद्र में कैबिनेट मंत्री भी रहे. 2017 में जेडीयू से अलग होने के बाद उन्होंने 2018 में अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल बना ली. 2020 में उन्होंने अपनी पार्टी का आरजेडी में विलय कर दिया.
राजनीति में शरद यादव का आना भी एक नाटकीय घटना की तरह ही था. 1974 में इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन फैलना शुरू हो गया था और एक तूफान हिंदी भाषी राज्यों में आकार ले रहा था. तभी मध्य प्रदेश के जबलपुर से कांग्रेस सांसद की अचानक मृत्यु हो गई और जयप्रकाश नारायण ने उपचुनाव में कांग्रेस के मुकाबले एक युवा छात्र को संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया. 27 वर्षीय शरद यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराने का साथ ही इंदिरा गांधी को नीचा दिखाकर इतिहास रच दिया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
Source : palpalindia
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