पटना. जनता दल (यूनाइटेड) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा “अगले महीने तक” पार्टी छोड़ सकते हैं. इसके बाद उनके अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को पुनर्जीवित करने की संभावना है. आरएलएसपी का उन्होंने साल 2021 में जदयू में विलय कर दिया था. कुशवाहा के करीबी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रालोसपा को वापस लाने के बाद कुशवाहा भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए आगे बढ़ेंगे.
सूत्रों ने कहा कि कुशवाहा की हालिया टिप्पणी कि “जद (यू) के कई शीर्ष नेता भाजपा के संपर्क में हैं” छोड़ने के उनके संकल्प के “स्पष्ट संकेत” थे. कुशवाहा के जेडीयू छोड़ने की योजना की अटकलें तब से लगाई जा रही हैं, जब बिहार भाजपा के कई नेताओं को एम्स, दिल्ली में उनसे मिलने जाते हुए देखा गया था. उन्हें यहां नियमित जांच के लिए भर्ती कराया गया था.
रविवार को पटना लौटने पर जब पत्रकारों ने उनसे पद छोड़ने की बात पर टिप्पणी करने के लिए कहा तो कुशवाहा ने भाजपा नेताओं की यात्रा के महत्व को कम करने की कोशिश की और जोर देकर कहा कि ऐसी चीजों को “राजनीति के चश्मे से” नहीं देखा जाना चाहिए. कुशवाहा ने रविवार को कहा, “यह सच है कि मैं अकेले ही अपना फैसला ले सकता हूं.” वह एक दिन पहले नीतीश की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे कि “कुशवाहा दो बार जदयू छोड़ चुके हैं और अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं.” जदयू के और अन्य नेताओं के भाजपा के संपर्क में होने के बारे में कुशवाहा के ताजा बयान पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर नीतीश ने कहा था कि कृपया कुशवाहा जी से पूछें.
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