वॉशिंगटन: अमेरिका ने अपने समुद्र क्षेत्र (अटलांटिक सागर) के ऊपर मंडरा रहे चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को उत्तरी अमेरिका में संवेदनशील सैन्य स्थलों को पार करने के बाद कैरोलिना तट पर संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया गया. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां अब मलबे को इकट्ठा कर रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जासूसी गुब्बारे को मार गिराने की मंजूरी दी थी और सैन्य अधिकारियों ने इसका समर्थन किया था. सर्विलांस बैलून को पहली बार इस सप्ताह की शुरुआत में मोंटाना के ऊपर देखा गया था. इस बैलून का आकार तीन बसों के बराबर है.
चीन का कहना है कि अमेरिका द्वारा गुब्बारे को मार गिराना ‘अंतरराष्ट्रीय अभ्यास का गंभीर उल्लंघन’ है. उसने अमेरिका को इसका नतीजा भगुतने की धमकी भी दी है. चीनी जासूसी गुब्बारे को शूट करने से पहले फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने उत्तरी कैरोलिना में विलमिंगटन, दक्षिण कैरोलिना में चार्ल्सटन और मर्टल बीच में हवाई अड्डों के लिए ग्राउंड स्टॉप जारी किया. यानी इन हवाई अड्डों पर सारी गतिविधियां पूरी तरह बंद कर दी गईं. शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने गुब्बारे को नीचे गिराने की चेतावनी दी थी, जिसका मलबा जमीन पर लोगों और संपत्ति के लिए खतरा पैदा कर सकता था. अमेरिकी रक्षा सचिव एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश के बाद हमारे लड़ाकू विमानों ने दक्षिण कैरोलिना तट पर अटलांटिक सागर के ऊपर चीनी निगरानी गुब्बारे को मार गिराया.
चीन ने कहा कि यह गुब्बारा रास्ता भटक गया है. लेकिन अमेरिका ने इसे गंभीरता से लिया और उसके रक्षा सचिव एंटली ब्लिंकन ने अपना चीन दौरा रद्द कर दिया. इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर पैट राइडर ने कहा था कि नोराड (North American Aerospace Defense Command) इस जासूसी गुब्बारे पर करीबी नजर बनाए हुए है. अमेरिकी सरकार ने संवेदनशील जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए तुरंत कार्रवाई की.
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