तसल्‍ली से देखने वाली फिल्‍म है- ऑलमोस्‍ट प्‍यार व‍िद डीजे मोहब्‍बत

तसल्‍ली से देखने वाली फिल्‍म है- ऑलमोस्‍ट प्‍यार व‍िद डीजे मोहब्‍बत

प्रेषित समय :11:36:09 AM / Wed, Feb 8th, 2023

अनुराग कश्‍यप की फिल्‍म ‘ऑल मोस्‍ट प्‍यार व‍िद डीजे मोहब्‍बत’ स‍िनेमाघरों में र‍िलीज हो गई है. ये फिल्‍म अनुराग पहली की कोई पहली लव स्‍टोरी नहीं है. ‘देव डी’, मुक्‍काबाज, ‘मनमर्जियां’ जैसी कई फिल्‍में अनुराग बना चुके हैं जो लव-स्‍टोरीज ही हैं, ये फिल्‍म तसल्‍ली से देखने वाली है, क्‍योंकि डीजे मोहब्‍‍बत की बातें समझने के लिए आपको थोड़ा पेशंस रखना होगा.

कहानी- फिल्‍म की कहानी की बात करें तो इसमें दो लव स्टोरीज हैं, जो दुनिया के दो अलग-अलग ह‍िस्‍सों में चल रही हैं. एक लव स्‍टोरी है डलहौजी की, ज‍िसमें अमृता और यकूब हैं. दूसरी स्‍टोरी है लंदन की ज‍िसमें हरमीत और आयशा की. डलहौजी की अमृता को म्‍यूज‍िक का शौक है और उसे डीजे मोहब्‍बत के कॉन्‍सर्ट में जाना है. अब यकूब उसे इस कॉन्‍सर्ट में ले जाने का वादा करता है. दूसरी तरफ लंदन में हरमीत खुद एक डीजे है और म्‍यूज‍िक की दुनिया में वो क्रांत‍ि करना चाहता है. लेकिन आयशा उससे टकराती है और म्‍यूज‍िक की जगह मोहब्‍बत की क्रांति होती है. अब ये दोनों कहान‍ियां क्‍या कनेक्‍टेड हैं इस सब के लिए आपको थ‍िएटर्स में जाना होगा.

कहानी का फर्स्‍ट हाफ थोड़ा धीमा लगा और शुरुआत में कनेक्‍ट करने में भी थोड़ी द‍िक्‍कत होती है. साथ ही दो लव-स्‍टोरीज हैं, इस फिल्‍म में दो अलग-अलग चल रही कहान‍ियां एक साथ द‍िखाई जा रही हैं. कभी इस कहानी का सीन तो दूसरे ही पल दूसरी कहानी का सीन. इससे पहले ‘लव आजकल’, ‘बार बार देखो’ जैसी फिल्‍मों में भी ऐसा ही हुआ है, जब दो अलग-अलग ह‍िस्‍सों की कहान‍ियों को एक साथ पर्दे पर द‍िखाया गया है. पर इस तरह की कहानी पर्दे पर अक्‍सर दर्शकों को कनफ्यूज करती है. क्‍योंकि जैसे ही आप एक ह‍िस्‍से से कनेक्‍ट होते हैं, दूसरा हिस्‍सा आपसे कुछ कहने लगता है.  

फ‍िल्‍म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी परफॉर्मेंस और इसका कहानी में ब‍िलकुल रचा-बसा म्‍यूज‍िक. अम‍ित त्र‍िवेदी के गाने कहानी में जम गए हैं और मजेदार हैं. फ‍िल्‍म से न‍िकलते हुए अगर आप भी ये गाना गाएं ‘मोहब्‍बत से ही तो क्रांत‍ि आएगी…’ तो मतलब फ‍िल्‍म सफल हो गई है.

अगर आप अनुराग कश्‍यप के स‍िनेमा को समझते हैं और पर्दे पर आ रहे डायलॉग्‍स के पीछे के भाव को पकड़ पाते हैं, तो कहानी आपको आखिर तक बांधे रखेगी. यानी ‘मोहब्‍बत से ही क्रांति आएगी, पर आपको ये क्रांति पहले समझनी होगी.’ ये फ‍िल्‍म बॉलीवुड के रोमांस की क‍िताब में फ‍िट नहीं बैठती, लेकिन ये नई जनरेशन के रोमांस को की नई डेफ‍िनेशन जरूर द‍िखाती है, जो अनुराग कश्‍यप ही ल‍िख सकते हैं. इस फिल्‍म को मेरी तरफ से 3 स्‍टार.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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