नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पिछले दिनों लंदन में दिए बयान को लेकर हंगामा जारी है और भारतीय जनता पार्टी की ओर से लगातार हमला किया जा रहा है. पिछले 3 दिनों से सुबह-सुबह केंद्रीय मंत्रियों की ओर से राहुल पर हमला करने के बाद आज शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला और कहा कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश का अपमान कर रहे हैं. हम देश-विरोधी शक्तियों को कामयाब होने नहीं देंगे.
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल पर हमला करते हुए कहा, “दुर्भाग्य की बात यह है कि देश विरोधी गतिविधियों में कांग्रेस पार्टी शामिल हो गई है. जनता द्वारा बार-बार नकार दिए जाने के बाद अब राहुल गांधी भी इस देश-विरोधी टूलकिट का एक स्थायी हिस्सा बन गए हैं.”
विदेशी धरती पर देश को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए जेपी नड्डा ने कहा, “एक ओर आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है और वहीं देश में जी-20 की बैठकें हो रही हैं, जबकि राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश और संसद का अपमान कर रहे हैं. मैं राहुल गांधी से जानना चाहता हूं इसके पीछे उनकी मंशा क्या है.”
राहुल गांधी पर बरसते हुए जेपी नड्डा ने कहा, “किसी दूसरे देश द्वारा भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की मांग करना भारत की संप्रभुता पर हमला है. मैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी से यह जानना चाहता हूं कि यूरोप और अमेरिका को भारत के मामलों में दखल देने के लिए उकसाने के पीछे उनकी क्या मंशा है? आपको इसके लिए माफी मांगनी होगी.” उन्होंने कहा कि जॉर्ज सोरोस और राहुल गांधी एक ही भाषा क्यों बोलते हैं? पाकिस्तान और कांग्रेस की भाषा एक जैसी क्यों हैं?
केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर और किरन रिजिजू की ओर से पिछले 3 दिन से राहुल गांधी के बयान पर हमला किए जाने के बाद आज बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता को अपना निशाना बनाया. उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा, “राहुल गांधी, भारत लोकतंत्र की जननी है. दुनिया की कोई ताकत भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को नुकसान नहीं पहुंचा सकती. आज की तारीख में देश में आपकी पार्टी की कोई नहीं सुनता, जनता भी आप पर भरोसा नहीं करती. यही वजह है कि आपकी पार्टी का लगभग सफाया हो चुका है.
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने अपने एक बयान को लेकर संसद में जारी गतिरोध पर कल गुरुवार को कहा कि देश में अगर लोकतंत्र बरकरार है तो उन्हें संसद में अपनी बात रखने का मिलना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ सरकार के चार मंत्रियों ने सदन के भीतर आरोप लगाए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह भारतीय जनतंत्र के लिए परीक्षा भी होगा कि उन्हें भी चार मंत्रियों की तरह ही सदन में बोलने का पूरा अवसर मिलता है या फिर चुप होने के लिए कहा जाता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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