ममता बनर्जी का बयान बता रहा है कि.... कांग्रेस की बढ़ती ताकत से बीजेपी ही नहीं, विपक्ष के कई महत्वाकांक्षी नेता भी परेशान हैं!

ममता बनर्जी का बयान बता रहा है कि.... कांग्रेस की बढ़ती ताकत से बीजेपी ही नहीं, विपक्ष के कई महत्वाकांक्षी नेता भी परेशान हैं!

प्रेषित समय :21:56:56 PM / Mon, Mar 20th, 2023

प्रदीप द्विवेदी. यदि पिछले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का अप्रत्यक्ष सहयोग ममता बनर्जी को नहीं मिला होता, तो टीएमसी, बीजेपी को मात नहीं दे पाती, लेकिन अब उसी का परिणाम है कि ममता बनर्जी कांग्रेस पर ही निशाना साध रही है?

ममता बनर्जी का बयान बता रहा है कि.... कांग्रेस की बढ़ती ताकत से बीजेपी ही नहीं, विपक्ष के कई महत्वाकांक्षी नेता भी परेशान हैं!

अभी ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, केसीआर सहित आधा दर्जन नेता पीएम बनने का सपना पाले हैं, जबकि मजेदार बात यह है कि.... इनमें से कोई भी दल लोकसभा की उतनी सीटें जीतने की हालत में भी नहीं है, जितनी अभी कांग्रेस के पास हैं?

ममता बनर्जी उस कांग्रेस को आईना दिखाने की कोशिश कर रही हैं, जिनके पास इतनी कमजोर हालत में भी पचास से ज्यादा सांसद हैं और सात सौ से ज्यादा विधायक हैं!
ममता बनर्जी के पास कितने सांसद और विधायक हैं?

दरअसल, ज्यादातर गैर-कांग्रेसी विपक्षी नेता सियासी जोड़-तोड़ करके पीएम की कुर्सी तक एक बार पहुंचना चाहते हैं, ताकि एक बार तो पीएम बनने का उनका सपना साकार हो जाए!
ममता बनर्जी, अखिलेश यादव आदि नेता यह नहीं जानते हैं कि वे कांग्रेस का कोई खास नुकसान करने की हालत में नहीं हैं, लेकिन यदि पश्चिम बंगाल, यूपी में कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ी, तो कांग्रेस को फायदा हो ना हो, टीएमसी और सपा का बहुत बड़ा नुकसान जरूर हो जाएगा?

राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश जैसे अनेक राज्य हैं, जहां कांग्रेस-बीजेपी में सीधी टक्कर है और कोई क्षेत्रीय दल उतना असरदार नहीं है, यही नहीं, इन राज्यों में बीजेपी के पास अधिकतम सीटें हैं, लिहाजा 2024 में इन राज्यों में जो भी नुकसान होगा, वह बीजेपी को ही होगा, कांग्रेस को तो फायदा ही होगा, लिहाजा सियासी खतरे की घंटी तो बीजेपी के लिए बज रही है!

दक्षिण भारत से बीजेपी के लिए कोई खास संभावनाएं हैं नहीं और बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में बीजेपी की जो सीटें कम होंगी, उनकी भरपाई बेहद मुश्किल है?

देश में स्थाई सरकार देने में केवल दो ही दल सक्षम हैं- कांग्रेस और बीजेपी, लिहाजा शेष दल बोलें कुछ भी लेकिन उनके लिए पचास सीटें जीतना भी सपना ही है, इसलिए यदि यह बात मतदाताओं को ठीक से समझ में आ गई, तो लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों के लिए अपनी सियासी जमीन भी बचाना मुश्किल हो जाएगा?

देखना दिलचस्प होगा कि पीएम बनने का सपना देखनेवाले गैरकांग्रेसी, गैरभाजपाई नेता किस तरह से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाते हैं?

फायर प्रूफ काठ की हांड़ी! क्या केवल रणनीति के दम पर 2024 में जीत जाएंगे पीएम मोदी?

लोकसभा चुनाव 2024.... दक्षिण भारत में बीजेपी के लिए क्या संभावनाएं हैं?

काहे धमाल मचा रहा है.. #चौकीदार_ही_चोर_है ? कोई लाख करे चतुराई, करम का लेख मिटे ना रे भाई!  

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: ईडी ने टीएमसी नेता शांतनु बनर्जी को किया गिरफ्तार

ओडिशा के जाजपुर में हुए भीषण सड़क हादसे में पश्चिम बंगाल के सात लोगों की मौत

पश्चिम बंगाल के मालदा में मदरसा कमेटी के चुनाव में टीएमसी के दो गुटों में हिंसक हड़प, फायरिंग

Leave a Reply