वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी में ‘वन वर्ल्ड टीबी समिट’ में बटन दबाकर भारत में टीबी को खत्म करने के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की. उन्होंने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला का भी शिलान्यास किया. इसके बाद कैंट से गोदौलिया तक बने रोपवे का उद्घाटन भी करेंगे. कैंट से गोदौलिया तक बना यह रोपवे देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे हैं फिलहाल इसके जरिए कैंट से गोदौलिया तक का सफर किया जा सकता है. आगे चलकर इसका विस्तार किया जाएगा और इसे काशी विश्ननाथ मंदिर और दशाश्वमेघ घाट से सीधे जोड़ दिया जाएगा.
आज का भारत अपने लक्ष्यों को समय से पहले हासिल कर ले रहा है. 2030 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन भारत 2025 तक टीबी को खत्म करने पर काम कर रहा है.
मानवता की प्रयासों का साक्षी रही है काशी. देश में टीबी के मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है. इलाज में नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में टीबी के खिलाफ लड़ाई का यह नया मॉडल है.2014 के बाद से टीबी को लेकर एक नई सोच के साथ अभियान की शुरुआत की गई है.
काशी सदियों से मानवता की साक्षी रहा है, इससे हमारे वैश्विक संकल्प को ऊर्जा मिलेगा. प्रयास करने से हमेशा नया रास्ता निकलता है. पीएम मोदी ने वन वर्ड टीबी डे के अवसर पर आयोजित समिट का उद्घाटन कर दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि वन टीबी समिट का होना खुशी की बात है. इसके अलावा खेलो इंडिया योजना के तहत सिगरा स्टेडियम के पुनर्विकास कार्य के फेज-2 और फेज-3 का भी शिलान्यास करेंगे.
परियोजनाओं में भगवानपुर में 55 एमएलडी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास भी शामिल है. इस प्रोजेक्ट का निर्माण नमामि गंगे योजना के तहत किया जाएगा. पीएम मोदी बनारस के संस्कृत विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान 1780 करोड़ रुपए से अधिक के परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे. यह रोपवे 3.75 किमी लंबा है और यह शहर के पांच भीडभाड़ वाले जगहों से होते हुए गोदौलिया पहुंचेगा. इस प्रोजेक्ट की लागत 645 करोड़ रुपए है. रोपवे के पूरी तरह से तैयार होने के बाद शहर पहुंचने वाले यात्रियों को आने जाने में काफी आसानी होगी. काशी विश्ननाथ कॉरिडोर के बनने के बाद से शहर में यात्रियों की संख्या में बेतहाशी बढ़ोतरी हुई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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