ग्वालियर। ग्वालियर चिड़ियाघर में बब्बर शेर ने 8 अप्रैल को दम तोड़ दिया. 16 साल का बब्बर शेर जय पिछले 1 महीने से गंभीर रूप से बीमार था. उम्र दराज होने के चलते उसके दांत घिस चुके थे. यही वजह है कि उसे खाने पीने में भी दिक्कत हो रही थी. पिछले 3 दिनों से तो उसने खाना-पीना पूरी तरह से बंद कर दिया था. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसकी सेहत की मॉनिटरिंग कर रही थी. लेकिन, शनिवार दोपहर जय ने अंतिम सांस ली. उसकी मौत के बाद चिड़ियाघर में मायूसी छा गई. उसकी मौत के बाद उसका पोस्टमॉर्टम भी किया गया. फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की मौजूदगी के बीच चिड़ियाघर के अंदर जय की अंतिम यात्रा निकाली गई. शाम 5 बजे उसका सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया.
बता दें, बब्बर शेर जय को साल 2012 में छत्तीसगढ़ के रायपुर से ग्वालियर लाया गया था. साल 2018 में उसने और रानी ने तीन शावकों को जन्म दिया. उस वक्त 28 साल बाद ऐसा मौका था जब ग्वालियर चिड़ियाघर में बब्बर शेर के शावकों का जन्म हुआ था. इसके बाद 2022 में भी जय और मीरा ने तीन शावकों को जन्म दिया था. इस तरह ग्वालियर जू में आने के बाद जय 10 साल में 6 बच्चों का पिता बना था. शनिवार को 16 साल उम्र पूरी करने के बाद जय ने अंतिम सांस ली. बता दें, भारत मे बब्बर शेर की औसत उम्र 14 से 16 साल होती है.
गौरतलब है कि ग्वालियर का चिड़ियाघर फूल बाग इलाके में बना हुआ है. सन 1905 में इसे सिंधिया राजवंश ने बनाया था. रियासत काल में विदेशी मेहमान और शाही परिवार के लोगों के लिए इस चिड़ियाघर का निर्माण किया गया था. सरकार ने आजादी के बाद इस चिड़ियाघर को आम पर्यटकों के लिए भी खोल दिया.
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