धार. मध्य प्रदेश के धार जिले में एक मृत व्यक्ति दो साल बाद जिंदा होकर लौटा है. विधवा की तरह रह रही उसकी पत्नी ने दो साल बाद मांग में सिंदूर लगाया है. उसे देखकर एक तरफ परिवार वाले फूले नहीं समा रहे, तो दूसरी तरफ सरकारी सिस्टम पर जबरदस्त सवाल खड़े कर रहे हैं. दरअसल, कोरोना काल में इस शख्स को गुजरात के अस्पताल ने न केवल मृत घोषित कर दिया था, बल्कि उसके अंतिम संस्कार की बात कहकर उसका मृत्यु प्रमाण-पत्र तक घरवालों को दे दिया था. उसके बाद से घरवालों के लिए वह मर चुका था. शख्स के लौटने के बाद परिवार ने पुलिस को उसके जिंदा होने की सूचना दी. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, मामला धार जिले के कडोदकला गांव का है. यहां रहने वाले कमलेश पाटीदार को वर्ष 2021 में कोरोना हुआ था. उसके बाद परिजन इलाज के लिए उसे लेकर गुजरात के बडोदरा गए थे. यहां एक अस्पताल में उसका इलाज शुरू हुआ. इलाज के कुछ दिनों बाद अस्पताल प्रबंधन ने कमलेश को मृत घोषित कर दिया. यह सुनते ही पाटीदार परिवार के होश उड़ गए. लेकिन, कोरोना काल में चल रहे मौतों के दौर देखते हुए उन्होंने इस बात को सहज स्वीकार कर लिया.
अस्पताल प्रबंधन ने परिवार के सामने बेटे के शव को पॉलीथिन में लपेटा था. कुछ दिनों बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिवार को कमलेश का मृत्यु प्रमाण-पत्र भी दे दिया. इसके बाद परिवार घर लौट आया. उसके बाद से कमलेश की पत्नी विधवा की तरह रही। कमलेश ने परिजनों को बताया कि अहमदाबाद में वह किसी गिरोह के चंगुल में फंस गया था. वहां उसे नशे के इंजेक्शन देकर रखा जाता था. वह जैसे-तैसे बदमाशो के चंगुल से छूटकर आया है.
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