रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजाकिया अंदाज में अपने पढ़ाई को लेकर एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि मेरा पीजी पूरा नहीं हुआ है. अब सोचता हूं कि पीजी कर लूं लेकिन डर इस बात का है कि अगर नंबर कम आए तो बच्चे बोलेंगे कि मुख्यमंत्री के नंबर कम आए.
इस वीडियो में सीएम ने बताया कि पहली-दूसरे ईयर की परीक्षा दी, लेकिन फाइनल में नहीं गया. अब उनका ये वीडियो ट्वीट वायरल हो गया है. ये वीडिया हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के 8वें स्थापना दिवस समारोह का है. इस समारोह में हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी से सीएम बघेल को पीएचडी की मानद उपाधि दी गई थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने इस बात का खुलासा किय़ा कि उनका पीजी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा नहीं हुआ है.
हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह के मौके पर सीएम बघेल ने जहां छात्रों को संबोधित करते हुए अपने छात्र जीवन के किस्से, अपनी अधूरी पढ़ाई और अपने डर का खुलासा किया. वहीं दूसरे वीडियो में अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जब बच्चों को दीक्षांत समारोह में डिग्री मिलती है तो उनके अभिभावक आते हैं. मुझे जब पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया तो मेरी पत्नी और बच्चे भी मेरे साथ रहे. पीएचडी उपाधि मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम के आगे अब डाक्टर भूपेश बघेल जुड़ गया है. बता दें इस दौरान उनके साथ पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और सीएम की दोनों बेटियां भी साथ रहीं.
पर्यावरण संरक्षण व समाज कल्याण के लिए मिली पीएचडी उपाधि
बता दें कि सोमवार को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के प्रथम दीक्षांत समारोह व विश्वविद्यालय के 8वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पीएचडी की मानद उपाधि दी गई. पर्यावरण संरक्षण व समाज कल्याण की दिशा में अद्वितीय कार्य के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मानद उपाधि दी गई. पीएचडी के लिए चुनने पर मुख्यमंत्री बघेल ने विश्वविद्यालय प्रशासन से पूछा कि आपने मुझे मानद उपाधि के लिए क्यों चुना, मुझे थोड़ा असहज लग रहा था. तो विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना था कि हमने छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी कार्यक्रम तथा अन्य जनहितैषी योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए जो सफल नवाचार किए हैं, उसके लिए यह मानद उपाधि विश्वविद्यालय की ओर प्रदान की गई है. इसके बाद सीएम ने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग का धन्यवाद किया और जनकल्याणकारी और पर्यावरण के हित में कार्यक्रम जारी रखने की बात कही.
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