ज्योतिष शास्त्र में प्रेम विवाह और तलाक के कई योग दिए गए हैं. उनमें से एक योग राहु के पहले भाव में अकेले स्थित होने पर बनता है.
यदि कुंडली के पहले या सातवें घर में राहु की मौजूदगी हो तो व्यक्ति का विवाह घरवालों की सोच से अलग होता है. ये ऐसे इंसान के साथ शादी करने की इच्छा रखते हैं, जहां शुरुआती तौर पर घरवालों द्वारा इंकार ही किया जा सकता है.
ऐसे राहु को यदि गुरु ग्रह का साथ मिल जाए तो यह विवाह घरवालों द्वारा जल्दी ही स्वीकार कर लिया जाता है लेकिन किसी शुभ ग्रह का प्रभाव नहीं होने पर पति-पत्नी को अपना विवाह बचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ सकता है.
अक्सर "परफेक्ट पार्टनर" शब्द शादी में देरी का सबसे बड़ा कारण होता है. और आजकल हर जातक ओर जातिका ये परफेक्ट के कारण शादी से वंचित रह जाते हैं.
कुंडली में राहु देता है भ्रम योग
ऐसा होता है जन्मकुंडली में राहू का असर
राहु-केतु के अकेले पहले भाव में होने से ऐसी शादी के निभने में घरवालों द्वारा ही परेशानी खड़ी की जा सकती है.
यह संभावना हो सकती हैं कि लंबे समय तक जीवनसाथी से दूर रहना पड़े.शादी ही नहीं, राहु तलाक के योग भी बनाता है...
राहु जहां व्यक्ति को इंटरकास्ट (गैर जाति में) मैरिज के लिए उकसाता है वहीं यह राहु तलाक भी करवा सकता है.
राहु का स्वभाव अलग करना व दूरियां लाना भी है.
कुंडली में जहां पहले या सातवें घर में बैठा राहु जीवनसाथी से आकर्षण में बांधे रखता है. वहीं यह राहु वैचारिक मतभेद की स्थिति भी निर्मित करता है.
जिसके फलस्वरूप पति-पत्नी के मध्य तनाव की स्थिति आ जाती है.
यदि दोनों ही की पत्रिका में राहु पहले या सातवें घर में मौजूद हो तो यह तनाव अधिक बढ़ जाता है.
लव मैरिज होने के बाद भी रिश्ते से लव कब गायब होने लगता है, इस बात का अंदाजा पति-पत्नी दोनों नहीं कर पाते हैं. ऐसा रिश्ता आगे चलकर तलाक में बदल जाता है.
चूंकि राहु स्वार्थी और लालची भी है ऎसे में वह एक ऐसा साथी चाहता है जो उसके उद्देश्य को पूरी तरह से पूरा कर सके. ऎसे में विवाह में देरी होती ही जाती है.
.सातवें भाव में राहु का प्रभाव आपको किसी भी चीज़ के प्रति जुनूनी बना सकता है, चाहे वह यौन सुख हो या एक आदर्श साथी की तलाश. जातक अक्सर अपने साथी में पूर्णता और उत्कृष्टता चाहता है और एक आदमी जो पूर्णता के पीछे है, वह आसानी से संतुष्ट नहीं हो सकता है.
सातवें भाव में राहु एक आदर्श साथी का पीछा करने वाले व्यक्ति का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण बनता है.
सप्तम भाव में राहु जातक को बहुत ही बौद्धिक जीवन-साथी प्रदान करता है.
राहु आपकी इच्छाएं हैं, आपके जुनून हैं. सातवें भाव में जातक एक आदर्श साथी की तलाश में रहता है. कौन उनके सपनों, इच्छाओं, आपके स्वार्थी उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है!
एक मजबूत प्रासंगिक औचित्य यह है कि राहु को राक्षस माना जाता है और उसका शरीर रहित अस्तित्व होता है. यह जातक के अंदर एक रहस्यमय प्रकार की यौन भूख भी पैदा करता है.
ऐसे में राहु के कुछ अत्यन्त साधारण उपाय लेकिन बहुत ही प्रभावशाली उपायों से आप अपनी बिगड़ती हुई किस्मत को आसानी से संवार सकते हैं.
कुंडली विश्लेषण करने के बाद ही उपाय किया जायें तो बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है जीवन में क्यों कि राहु जिस जातक पर मेहरबान हो जाते हैं तो उनको जीवन में कोई कमी नहीं होती है राहु अच्छी लग्जरी जीवन, प्रदान भी करता है.
ज्योतिष आचार्य:शिवम भारद्वाज
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जानें ज्योतिष आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया से 29 अप्रैल 2023 तक का साप्ताहिक राशिफल
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