जयपुर. राजस्थान के मुखिया अशोक गहलोत ने रविवार को सीधे एक तीर से कई निशाने एक साथ लगाए जहां उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को सरकार बचाने में साथ देने की बात कही और पायलट खेमे की बगावत का जिक्र करते हुए विधायकों को अमित शाह से लिए पैसे लौटाने की बात कही. गहलोत के रविवार को दिए विस्फोटक बयान पर सचिन पायलट ने अपने विधायकों पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा किगहलोत के धौलपुर के भाषण को सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं है, बल्कि वह वसुंधरा राजे को अपनी नेता मानते हैं.
पायलट ने कहा कि 2020 में सरकार को गिराने और बचाने को लेकर जो विरोधाभास दिखाई दे रहा है उसको सीएम गहलोत को साफ कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी कुछ नाराजगी थी जिसे हमनें दिल्ली जाकर आलाकमान के सामने रखा लेकिन कभी पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ा.
पायलट ने कहा कि मुझे कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मैंने जी-जान लगाकर मेहनत की लेकिन कभी अनुशासन तोड़ने का काम मैंने नहीं किया. पायलट ने कहा कि मुझे गद्दार, कोरोना क्या कुछ नहीं कहा लेकिन मैंने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कभी नहीं किया. पायलट ने कहा कि मैंने BJP सरकार के समय के भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीएम को कई चिट्ठियां लिखीं लेकिन अब समझ आ रहा है कि उनमें जांच क्यों नहीं हुई. उन्होंने कहा कि मैं जब-जब वसुंधरा सरकार के करप्शन की बात करता हूं तो कोई जवाब नहीं आता है.
उन्होंने कहा कि चुनावों के नजदीक कांग्रेस विधायकों को नुकसान पहुंचाने का काम हो रहा है और बीजेपी विधायकों का गुणगान किया जा रहा है. पायलट ने कहा कि हेमाराम चौधरी जैसे विधायकों पर पैसे लेने के आरोप लगे जो कि बेबुनियाद है और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी ने अजय माकन और खरगे को विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर भेजा था लेकिन वह मीटिंग नहीं हो पाई. पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को विधायकों के बहिष्कार करने से हमारी पार्टी अध्यक्ष की बेईज्जती हुई, उनका अपमान किया गया वो गद्दारी थी.
पायलट ने कहा कि विधायकों से जबरदस्ती इस्तीफे लिए गए और वह घटनाक्रम दिखाता है कि अनुशासन किसने तोड़ा और पार्टी के साथ किसने गद्दारी की. पायलट ने कहा गहलोत का बयान गंभीर राजनीति का परिचय नहीं है और यह उन्हें शोभा नहीं देता है.
पायलट ने कहा कि मैं 11 मई को अजमेर में आरपीएससी मुख्यालय से एक यात्रा निकालूंगा और मैंने जनता के बीच जाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मसलों पर नौजवानों के लिए पदयात्रा निकालने जा रहा हूं. पायलट के मुताबिक अजमेर से चलने वाली यह यात्रा 5 दिन बाद जयपुर पहुंचेगी और यह यात्रा किसी के विरोध में नहीं है.
Source : palpalindia
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