द केरला स्टोरी: अदा और सुदीप्तो की जुगलबंदी का जलवा

द केरला स्टोरी: अदा और सुदीप्तो की जुगलबंदी का जलवा

प्रेषित समय :09:36:57 AM / Tue, May 9th, 2023

तमाम विवादों के बीच अदा शर्मा स्टारर‘द केरला स्टोरी’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. कई राजनीतिक दलों ने फिल्म पर आपत्ती जाहिर की. सत्य घटना पर बताई जा रही फिल्म को बैन करने की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची. लेकिन, सर्वोच्च अदालत ने फिल्म बैन करने से साफ मना कर दिया. लेकिन, तमाम रुकावटों के बीच मेकर्स ने फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज किया और अब यह फिल्म दर्शकों के बीच धूम मचा रही है. दर्शकों के रिएक्शन देखकर लगता है कि फिल्म ऑडियंस को खूब पसंद आ रही है.

सेंसर बोर्ड ने फिल्म के 10 सीन्स पर कैंची चलाते हुए इसे ए सर्टिफिकेट दिया है. फिल्म को लेकर ट्विटर पर यूजर्स लगातार अपने रिव्यू शेयर कर रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर दर्शकों को विवादों से घिरी ये फिल्म कैसी लग रही है? ‘द केरला स्टोरी’ की कहानी तीन महिलाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनका ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है. फिर इन महिलाओं का इस्तेमाल जिहाद के लिए किया जाता है. ऐसे में फिल्म को लेकर लगातार विवाद देखने को मिला ऐसे में दर्शकों में भी फिल्म को लेकर उत्सकुता बढ़ने लगी. फिल्म देखने वाले लोगों ने ट्विटर पर रिव्यू दिए हैं.

कहानी- ये कहानी चार युवतियों की है। फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ सिरे से समझाती है कि ‘लव जिहाद’ को कैसे अंजाम दिया जाता है। फिल्म खत्म होने के बाद उन परिवारों के लोगों के असल इंटरव्यू दिखाए गए हैं, जिनके साथ ये सब वाकई हो चुका है। एक हंसते खेलते परिवार की युवती शालिनी जिसे अपनी संस्कृति, अपने परिवार, अपने रहन सहन और अपने आस पड़ोस से प्यार है। नर्स बनने के लिए वह नर्सिंग कॉलेज आती है। हॉस्टल में उसकी जिन युवतियों से दोस्ती है, उनमें से एक उसे एक ऐसे रास्ते पर ले जाने का तानाबाना बुनती है, जहां से वापसी की राह ही नहीं है। केरल से श्रीलंका, श्रीलंका से अफगानिस्तान और अफगानिस्तान से सीरिया का उसका सफर वहां आकर थमता है जहां उसके जैसी तमाम लड़कियां आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के कैंप में सिर्फ इसलिए जमा की गई हैं कि वे इन आतंकवादियों की देह की भूख मिटा सकें।

फिल्म के खटकने वाले जो पहलू हैं वह हैं इसका बैकग्राउंड म्यूजिक और इसके मारधाड़ वाले दृश्यों का संयोजन। फिल्म के कलाकारों का मेकअप भी थोड़ा बेहतर और दृश्यों के प्रकाश संयोजन के हिसाब से होता तो असर गहरा होता। फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को अगर निष्पक्ष भाव से देखा जाए तो ये एक प्रोमेगैंडा फिल्म बिल्कुल नहीं नजर आती।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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