लाहौर. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे. खान की गिरफ्तारी के बाद रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर धावा बोलने वाले उनके समर्थकों द्वारा पूरे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया.
लाहौर में, बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट और खिड़की के शीशे तोड़ दिए. वहां ड्यूटी पर मौजूद सैन्यकर्मियों ने, हालांकि, क्रोधित प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की, जिन्होंने उन्हें घेर लिया और सेना में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार के ‘आकाओं’ के खिलाफ नारे लगाए.
कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने आंसूगैस के गोलों का इस्तेमाल किया और गोलियां भी चलाईं। खबर है कि इनमें 6 लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। फिलहाल पाकिस्तान में इंटरनेट सेवा बंद है, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब की सेवा को रोक दिया गया है और धारा 144 लागू कर दी गई है।
किस आरोप में गिरफ्तार हुए इमरान खान
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि, ‘खान को एक भूमि, सम्पत्ति कारोबारी मलिक रियाज को हस्तांतरित करने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है.’ उन्होंने बताया कि खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पंजाब प्रांत के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित है. एक मई को जारी किए गए खान के गिरफ्तारी वारंट में कहा गया है कि उन पर भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण का आरोप है.
Source : palpalindia
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