#Jaipur जयपुर पंचांग 20 मई 2023, अन्वधान और इष्टिः भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला पर्व!

#Jaipur जयपुर पंचांग 20 मई 2023, अन्वधान और इष्टिः भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला पर्व!

प्रेषित समय :12:20:17 PM / Sat, May 20th, 2023

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#Jaipur जयपुर पंचांग-  शनिवार, 20 मई 2023
अभिजित मुहूर्त 11:56 से 12:51
राहु काल 09:00 से 10:42
दिन का चौघड़िया
काल - 05:37 से 07:19
शुभ - 07:19 से 09:00
रोग - 09:00 से 10:42
उद्वेग - 10:42 से 12:24
चर - 12:24 से 14:05
लाभ - 14:05 से 15:47
अमृत - 15:47 से 17:28
काल - 17:28 से 19:10
रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 19:10 से 20:28
उद्वेग - 20:28 से 21:47
शुभ - 21:47 से 23:05
अमृत - 23:05 से 00:23
चर - 00:23 से 01:42,
रोग - 01:42 से 03:00
काल - 03:00 से 04:18
लाभ - 04:18 से 05:37
सूर्योदय: 05:37, सूर्यास्त: 19:10
तिथि: प्रतिपदा - 21:30 तक, नक्षत्र: कृत्तिका - 08:03 तक, योग: अतिगण्ड - 17:18 तक, करण: किंस्तुघ्न - 09:22 तक, द्वितीय करण: बव - 21:30 तक, पक्ष: शुक्ल पक्ष, वार: शनिवार
अमान्त महीना: ज्येष्ठ, पूर्णिमान्त महीना: ज्येष्ठ
चन्द्र राशि: वृषभ, सूर्य राशि: वृषभ
शक सम्वत: 1945, विक्रम सम्वत: 2080 
ताराबल- भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल- वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन
अन्वधान और इष्टिः भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला पर्व!
* इष्टि- 20 मई 2023, शनिवार
* धर्मधारणा के अनुसार- अन्वधान और इष्टि अनिवार्य पर्व हैं.
* अन्वधान के दिन- एक दिन का उपवास रखा जाता हैं और इष्ट के दिन यज्ञ करते हैं.
* इस दिन भगवान श्रीविष्णु के भक्त उनका आह्वान करते हैं और व्रत कर उनकी पूजा करते हैं.
* धर्मग्रंथों में भगवान श्रीविष्णु का एक नाम यज्ञ है, इष्टि के दिन इन्हीं भगवान श्रीविष्णु के निमित्त यज्ञ किया जाता है.
* इस दिन प्रातःकाल पवित्र स्नान आदि करके साफ, स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र धारण करें पूजा का संकल्प करें.
* भगवान श्रीविष्णु तथा श्रीलक्ष्मी की पूजा करें तथा श्रीविष्णु के महामंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, मंत्र से हवन करें.
* यथाशक्ति दान-पुण्य करें.
* यह पर्व भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला है, दुर्भाग्य दूर करके समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करनेवाला है!
चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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