यात्रा के यादगार अनुभव के लिए करें कन्याकुमारी की सैर

यात्रा के यादगार अनुभव के लिए करें कन्याकुमारी की सैर

प्रेषित समय :10:17:32 AM / Fri, Jun 2nd, 2023

गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से पहले लोग ट्रैवलिंग की प्लानिंग करने लगते हैं. हर कोई अपनी फेवरेट डेस्टिनेशन का चुनाव करना चाहता है, लेकिन कन्याकुमारी जाना ज्यादातर लोग अवॉयड कर देते हैं. ऐसा इसलिए भी, क्योंकि कन्याकुमारी को देश का अंतिम किनारा माना जाता है. बता दें कि यात्रा के यादगार अनुभव के लिए कन्याकुमारी की सैर आपको एक बार जरूर करनी चाहिए.

कन्याकुमारी बीच:
अलग-अलग जगहों पर मौजूद बीच का दीदार आपने पहले भी कई बार किया होगा. लेकिन कन्याकुमारी बीच अपने आप में बहुत ही खास और खूबसूरत माना जाता है. दरअसल इस बीच पर हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का अनोखा संगम होता है. इतना ही नहीं कन्याकुमारी बीच से सनसेट और सनराइज का नजारा भी बहुत ही मनमोहक नजर आता है.

तिरुवल्लुवर की मूर्ति:
कन्याकुमारी में स्थित तिरुवल्लुवर की सुंदर मूर्ति भी बहुत फेमस है. इसकी ख़ास बात है कि ये प्रतिमा 133 फीट ऊंची है जो इतिहास प्रेमियों को बहुत ही पसंद आती है. साथ ही वास्तुकला से प्रेम करने वालों को भी यहां का मनमोहक नजारा काफी लुभावना लगता है.

लेडी ऑफ रैनसम चर्च:
कन्याकुमारी धार्मिक स्थलों में शामिल लेडी ऑफ रैनसम चर्च भी काफी फेमस है. ये चर्च समुद्र के किनारे पर मौजूद है और मदर मेरी को समर्पित है. दूर-दूर से लोग इस चर्च में प्रेयर करने आते हैं. इस चर्च की खूबसूरत नक्काशी लोगों को बहुत पसंद आती है. रात के समय चर्च का नजारा बहुत ही सुन्दर नजर आता है. 

गांधी मंडपम:
महात्मा गांधी को समर्पित गांधी मंडपम भी कन्याकुमारी में मौजूद है. गांधी जी की मृत्यु के पश्चात कुछ समय के लिए उनके शरीर की राख को इसी मंडपम में रखा गया था. जहां लोगों ने उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की थी. इसके बाद अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के त्रिवेणी संगम में इसको विसर्जित कर दिया गया था. 

विवेकानंद रॉक मेमोरियल:
कन्याकुमारी के एक छोटे से आईलैंड पर विवेकानंद रॉक मेमोरियल मौजूद है. यहां स्वामी विवेकानंद की बहुत ही विशाल और सुंदर प्रतिमा मौजूद है. विवेकानंद रॉक मेमोरियल का निर्माण स्वामी विवेकानंद के सम्मान में करवाया गया था. कहा जाता है कि इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ध्यान लगाया करते थे और यहीं पर विवेकानंद जी को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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