विक्की कौशल और सारा अली खान की फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ थिएटर में रिलीज हो चुकी है. अपने माता पिता के साथ रहने वाले पति-पत्नी और हर दूसरे दिन घर में आने वाले रिश्तेदार, देश के हर पांचवे मिडल क्लास परिवार में नए शादीशुदा जोड़े की यही शिकायत होती है कि उन्हें इन सब के बीच ‘क्वालिटी टाइम’ नहीं मिलता. ऐसे ही एक जोड़ी की कहानी बयां कर रही है लक्ष्मण उतेकर की ‘जरा हटके जरा बचके‘.
कहानी- ये कहानी है कपिल दुबे (विक्की कौशल) और सौम्या चावला दुबे (सारा अली खान) की. इंदौर के आनंद नगर में अपने परिवार के साथ रहने वाले इस कपल के शादी को दो साल हो गए हैं. पंडित परिवार में शादी करके आई पंजाबी कुड़ी सौम्या को अपनी जिंदगी खुलकर जीने की आदत है. कपिल और सौम्या खुदके घर का सपना देखते हैं. हालांकि घर लेने के सपने देखने वाले ये लव बर्ड्स क्यों तलाक लेना चाहते हैं, क्या उन्हें अपना घर मिलेगा, इस रास्ते में इन दोनों को कौन सी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा, इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म ‘जरा हटके जरा बचके’ थिएटर में देखनी होगी.
फिल्म जरा हटके जरा बचके के डायरेक्शन लक्ष्मण उतेकर ने किया है. लक्ष्मण उटेकर, मैत्रेय बाजपेयी, रमीज इल्हाम खान इस फिल्म के राइटर हैं. फिल्म जरा हटके जरा बचके की पूरी कहानी में कोई नयापन नहीं है यही वजह है कि ये फिल्म प्रेडिक्टेबल लगती है. सौम्या और कपिल से ज्यादा इंदौर, इस शहर की गालियां ज्यादा जहन में रहती हैं. कभी कभी ऐसा भी लगता है कि ये फिल्म है या मध्य प्रदेश का प्रमोशन. क्योंकि इस शहर के कई गली चौक और जगहों का जिक्र फिल्म में बार बार हो रहा है.
एक्टिंग के मामलें में विक्की और सारा दोनों आपको निराश नहीं करते. दोनों के बीच का प्यार, तकरार हो या फिर रोमांस, दोनों की केमिस्ट्री साफ-साफ नजर आ रही है. सभी कलाकरों की कॉमेडी टाइमिंग फिल्म के आकर्षण का विषय है, जो आपको इससे जोड़कर रखती है. हालांकि फिल्म का क्लाइमेक्स और असरदार हो सकता था.
फिल्म का म्यूजिक इस कहानी का प्लस पॉइंट हैं. सिनेमेटोग्राफी की बात करें तो अपने लेंस से सिनेमेटोग्राफर राघव ने मध्य प्रदेश को इतनी खूबसूरती से फिल्माया है कि कहानी से ज्यादा इंदौर याद रहता है.
क्यों देखें- अगर आपको कॉमेडी फिल्म देखना पसंद है, तो आप ये फिल्म जरूर देख सकते हैं. विक्की कौशल और सारा अली खान की जोड़ी की केमिस्ट्री के लिए आप इसे एक मौका दे सकते हैं. अगर आपने इंदौर नहीं देखा हो और आपका मध्य प्रदेश जाने का बजट नहीं हो, तो आप थिएटर जाकर एमपी दर्शन जरूर कर सकते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
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