जून 2023 में मनाये जाने वाले व्रतों एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

जून 2023 में मनाये जाने वाले व्रतों एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

प्रेषित समय :21:42:35 PM / Tue, Jun 6th, 2023

7 जून 2023, बुधवार: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी.....*विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस*
9 जून 2023, शुक्रवार: पंचक प्रारंभ
10 जून 2023, शनिवार: कालाष्टमी
13 जून 2023, मंगलवार: पंचक समाप्त.... *अंतर्राष्ट्रीय रंगहीनता जागरूकता दिवस*
14 जून 2023, बुधवार: योगिनी एकादशी व्रत.... *विश्व रक्तदाता दिवस*
15 जून 2023, गुरुवार: योगिनी एकादशी व्रत का पारण, सूर्य की मिथुन संक्रांति, प्रदोष व्रत...15 जून को मिथुन संक्रांति है. इस दिन सूर्य देव वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, प्रवेश के क्षण मिथुन संक्रांति होगी. इस दिन स्नान, दान और सूर्य पूजा करने का विधान है. मिथुन संक्रांति पर स्नान और दान से पुण्य मिलता है. इस दिन सौर कैलेंडर का तीसरा माह मिथुन प्रारंभ होता है. 15 जून से 17 जुलाई तक सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे..... *विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस, विश्व पवन दिवस*
16 जून 2023, शुक्रवार: मासिक शिवरात्रि.... *गुरु अर्जन देव शहीदी दिवस*
17 जून 2023, शनिवार: रोहिणी व्रत, दर्श अमावस्या..... *मरुस्थलीकरण और सूखे का मुकाबला करने के लिए विश्व दिवस*
18 जून 2023, रविवार: आषाढ़ अमावस्या... *अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक दिवस.....ऑटिस्टिक प्राइड डे*
19 जून 2023, सोमवार: आषाढ़ नवरात्रि (गुप्त नवरात्रि) प्रारंभ, चंद्र दर्शन..... 2 प्रकट और 2 गुप्त होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार साल की पहली गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में में मनाई जाती है. इस बार ये पर्व 19 से 27 जून तक मनाया जाएगा. इस दौरान तंत्र-मंत्र से देवी को प्रसन्न किया जाता है...... *विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस*
20 जून 2023, मंगलवार: जगन्नाथ रथयात्रा....विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का प्रारंभ इस साल 20 जून मंगलवार से हो रहा है. इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं और अपनी मौसी के घर जाते हैं. जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए दुनियाभर से कृष्ण भक्त जगन्नाथ पुरी पहुंचते हैं..... *विश्व शरणार्थी दिवस*
22 जून 2023, गुरुवार: विनायक चतुर्थी
25 जून 2023, रविवार: भानु सप्तमी का व्रत
28 जून 2023, बुधवार: ईद-अल-अज़हा (बकरीद)
29 जून 2023, गुरुवार: गौरी व्रत प्रारम्भ, देवशयनी एकादशी....इस साल चातुर्मास का प्रारंभ 29 जून गुरुवार से हो रहा है. इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे. चातुर्मास में कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं होगा. शादी, सगाई, गृह प्रवेश आदि पर रोक लग जाएगी. इस बार चातुर्मास 5 माह का होगा. हर साल हरिशयनी एकादशी या देवशयनी एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है.... *राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस*
30 जून 2023, शुक्रवार: देवशयनी एकादशी पारण, वासुदेव द्वादशी... *विश्व क्षुद्रग्रह दिवस*

 व्रतों एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व 

प्रदोष व्रत(शुक्ल) (1 जून 2023): सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत और त्यौहार को बेहद आस्था के साथ किया जाता है. इसी प्रकार, प्रदोष व्रत को भी अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ करने की परंपरा रही है जो कि हर महीने आता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. हालांकि, जब यह व्रत सोमवार के दिन पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष, मंगलवार पर पड़ने वाले व्रत को भौम प्रदोष और शनिवार को पड़ने वाले व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. आपको बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के लिए व्रत और उनकी पूजा-अर्चना आदि की जाती है. 

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत (4 जून 2023): ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को हिंदू धर्म में अत्यंत पावन एवं मंगलकारी माना जाता है और इस शुभ अवसर पर स्नान, दान और धार्मिक कार्यों को करने का विधान है. मान्यता है कि इस पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं और मनुष्य को पापों से मुक्ति मिलती है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन उन लोगों के लिए भी ख़ास होता है जिनके विवाह में देरी हो रही है या फिर बार-बार विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो जाती हैं. इस दिन से ही भक्तजन गंगा जल लेकर अमरनाथ यात्रा की शुरुआत करते हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर पितरों के लिए किया गया दान भी फलदायी होता है और इसके परिणामस्वरूप उन्हें मुक्ति की प्राप्ति होती है.     

संकष्टी चतुर्थी (7 जून 2023): हिंदू धर्म में किसी भी शुभ एवं मांगलिक कार्यों को करने से पहले भगवान श्री गणेश का स्मरण एवं पूजन आदि किया जाता है. विघ्नहर्ता के नाम से प्रसिद्ध गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने का विधान है. इस व्रत को कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान गणेश भक्त के जीवन में आने वाले बड़े से बड़े संकट को हर लेते हैं. संकष्टी चतुर्थी का दिन गणेश जी को समर्पित होता है और पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को बेहद शुभ माना जाता है. 

योगिनी एकादशी (14 जून 2023): हम सभी जानते हैं कि भगवान विष्णु को एकादशी का दिन समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा-आराधना एवं व्रत भक्तों द्वारा सच्चे हृदय से किया जाता है. योगिनी एकादशी का नाम विष्णु जी के ही एक नाम पर रखा गया है. मान्यता है कि जो भक्त इस एकादशी का व्रत रखता है उसके सभी पापों का नाश हो जाता है. साथ ही, पीपल के पेड़ काटने जैसे पाप से भी मुक्ति की प्राप्ति होती है. जो जातक योगिनी एकादशी का उपवास करते हैं उन्हें 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के तुल्य पुण्य की प्राप्ति होती है.
मिथुन संक्रांति (15 जून 2023): ज्योतिष में ग्रहों के राजा सूर्य के गोचर करने को संक्रांति के नाम से जाना जाता है जो कि सामान्य तौर पर हर महीने आती है. सूर्य देव प्रत्येक महीने एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं और इस प्रकार, एक हिंदू कैलेंडर में 12 संक्रांतियां आती हैं. सनातन धर्म में संक्रांति को विशेष महत्व दिया जाता है और इस समय को अत्यंत शुभ माना जाता है. संक्रांति के अवसर पर दान, धर्म, तर्पण और स्नान आदि करना फलदायी रहता है. हालांकि, आपको बता दें कि जून के महीने में सूर्य देव वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति के नाम से जाना जाता है.

मासिक शिवरात्रि (16 जून,2023): हिंदू धर्म में भगवान शिव को “देवों के देव महादेव” की संज्ञा दी गयी है और कहा जाता है कि ये अपने भक्तों से जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं. वैसे तो, हर साल भोलेबाबा के भक्तों द्वारा महाशिवरात्रि का पर्व बेहद धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन हर माह आने वाली मासिक शिवरात्रि का व्रत भक्तजन बहुत ही आस्था से रखते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनुष्य के जीवन से सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है.
आषाढ़ अमावस्या (18 जून 2023): हिंदू वर्ष के चौथे महीने यानी कि आषाढ़ में आने के कारण इस अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है. हालांकि, साल भर में पड़ने वाली सभी अमावस्याओं का अपना महत्व है, लेकिन आषाढ़ अमावस्या के दिन दान, पुण्य और पितरों के लिए किये जाने वाले तर्पण आदि को पुण्यकारी माना गया है. यह अवसर धार्मिक कार्यों के लिए भी शुभ है. कहते हैं कि इस अमावस्या के दिन पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों में स्नान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है.
जगन्नाथ रथ यात्रा (20 जून 2023): जगन्नाथ रथ यात्रा का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है जो कि किसी भी व्यक्ति को रोमांच से भर देने का सामर्थ्य रखती है. प्रत्येक वर्ष इस यात्रा का आयोजन उड़ीसा के पुरी में किया जाता है जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. साल में एक बार भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए जगन्नाथ मंदिर से बाहर आते हैं. इस यात्रा के दौरान जगन्नाथ रथ यात्रा गुंडिचा माता के मंदिर तक जाती है.  

देवशयनी एकादशी (29 जून 2023): देवशयनी एकादशी को सभी एकादशियों में से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, देवशयनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और इन चार महीनों को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है. चातुर्मास के दौरान सभी प्रकार के शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है. देवशयनी एकादशी को ही आषाढ़ एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. 

जून 2023 में पड़ने वाले ग्रहण और गोचर

व्रत-त्योहारों के बाद, अगर हम बात करें जून 2023 के महीने में होने वाले गोचर और पड़ने वाले ग्रहण के बारे में, तो इस माह में सूर्य गोचर के साथ-साथ बुध ग्रह दो बार अपनी राशि परिवर्तन करेंगे जबकि शनि और बुध जैसे ग्रहों की स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा. तो अब आगे बढ़ते है और नज़र डालते हैं इन ग्रहों के गोचरों पर. 
बुध का वृषभ राशि में गोचर (07 जून 2023): बुद्धि और तर्क के कारक ग्रह कहे जाने वाले बुध 07 जून 2023 की शाम 07 बजकर 40 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे. 
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर (15 जून 2023): ग्रहों के राजा के नाम से विख्यात सूर्य 15 जून 2023 की शाम 06 बजकर 07 मिनट पर वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. 

शनि कुंभ राशि में वक्री (17 जून 2023): ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्मफल दाता कहा गया है और अब यह 17 जून 2023 की रात 10 बजकर 48 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं. 
बुध वृषभ राशि में अस्त (19 जून 2023): 19 जून 2023 की सुबह 07 बजकर 16 मिनट पर भाषा और वाणी के कारक ग्रह बुध वृषभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं.  
बुध का मिथुन राशि में गोचर (24 जून 2023): जून के महीने में एक बार पुनः बुध देव अपनी राशि में परिवर्तन करते हुए 24 जून 2023 की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर वृषभ राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे.    

जहां तक सवाल है जून 2023 में पड़ने वाले ग्रहण का, तो आपको बता दें कि इस महीने में कोई ग्रहण नहीं लगने जा रहा है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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